मुल्क के सभी अल्पसंख्यक स्कूलों में, जानिए कितनी है मुस्लिम MINORITY स्कूलों की हिस्सेदारी
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राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के एक नए मुतआले में यह दावा किया गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यक स्कूलों में मुस्लिम अल्पसंख्यक स्कूलों की हिस्सेदारी महज 22.75 फीसदी है.
नई दिल्लीः धार्मिक अल्पसंख्यक स्कूलों में मुस्लिम अल्पसंख्यक स्कूलों की हिस्सेदारी महज 22.75 फीसदी है और समुदाय के स्कूलों में गैर-अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की तादाद का प्रतिशत सबसे कम है. राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के एक नए मुतआले में यह दावा किया गया है. अध्ययन में भी पाया गया है कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यक स्कूलों में ईसाई समुदाय की हिस्सेदारी 71.96 फीसदी है, जबकि कुल धार्मिक आबादी में समुदाय की हिस्सेदारी 11.54 फीसदी है. आयोग के अध्ययन का मकसद उन तरीकों का पता लगाना था जो सुनिश्चित करें कि अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा हासिल हो सके. अध्ययन में पाया गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यक स्कूलों में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी 22.75 फीसदी है और उनके अल्पसंख्यक स्कूलों में गैर-अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की संख्या सबसे कम 20.29 प्रतिशत है. सभी समुदायों में, 62.50 फीसदी विद्यार्थी गैर-अल्पसंख्यक अध्ययन के मुताबिक, ‘‘सभी समुदायों में, 62.50 फीसदी विद्यार्थी गैर-अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित है जबकि 37.50 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदायों से ताल्लुक रखते हैं.” अध्ययन के मुताबिक, ईसाई समुदाय के स्कूलों में गैर-ईसाई समुदाय से संबंधित विद्यार्थियों की संख्या 74.01 फीसदी है. इसमें कहा गया है कि सिख समुदाय कुल धार्मिक अल्पसंख्यक आबादी में 9.78 प्रतिशत है, जबकि धार्मिक अल्पसंख्यक स्कूलों में उसकी हिस्सेदारी 1.54 प्रतिशत है.Delhi Baby Care Center Fire: देश की राजधानी दिल्ली से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है. यहां के एक बेबी अस्पताल में भीषण आग लगने से 6 बच्चों की झुलसकर मौत हो गई है. वहीं, 5 बच्चों की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. उनका इलाज चल रहा है, जबकि एक बच्चा वेंटिलेटर पर है. रिपोर्ट्स की मानें, तो यह घटना शनिवार 25 मई देर रात की है.
Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दे ताकि उसे एक 'विशेष वकील' को दिया जा सके. इस पर उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहती कि वह राज्यसभा सदस्यता छोड़ दें तो वह खुशी-खुशी इसे छोड़ देतीं.