भारत-बांग्लादेश के बीच रिश्तों में क्यों है कभी प्यार कभी नफ़रत?
BBC
भारत दिसंबर 1971 में बांग्लादेश को एक आज़ाद देश के रूप में मान्यता देने वाला पहला मुल्क़ था. बांग्लादेश के जन्म की कहानी में भारत ने एक अहम रोल अदा किया था. लेकिन बीते 50 वर्षों में दोनों देशों के बीच रिश्ते काफ़ी उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. क्या है इसकी वजह?
भारत ने अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश को 6 दिसंबर, 1971 को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी. उस मान्यता के 50 साल पूरे होने के मौक़े पर दोनों देश 'मैत्री दिवस' मनाया जाता है.
बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान भारत ने एक करोड़ से अधिक शरणार्थियों को अपने यहां ठिकाना देने के साथ युद्ध में उसकी मदद भी की थी.
लेकिन 50 साल बाद भी दोनों देशों के बीच 'प्यार-नफ़रत' का रिश्ता क़ायम है, मतलब एक ही साथ प्रेम और नफ़रत दोनों तरह के रिश्ते बने हुए हैं. दोनों देशों के नागरिकों में कई लोग ऐसे हैं जो दूसरे देश को पसंद करते हैं तो बाक़ी लोग पसंद नहीं करते. आख़िर इसकी वजह क्या है?
बीबीसी बांग्ला ने अपने फ़ेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाला था. उसमें बताया था कि भारत के बांग्लादेश को मान्यता देने की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर 'मैत्री दिवस' मनाया जा रहा है.