भारत ने फ़िलीपींस से ब्रह्मोस मिसाइल बेचने का सौदा क्यों किया?
BBC
भारत अपनी रक्षा ज़रूरतें देश में बने हथियारों से पूरी नहीं कर पा रहा है, इस बीच फ़िलीपींस से ब्रह्मोस मिसाइल बेचने का समझौता किया है. क्या भारत वैश्विक रक्षा बाज़ार में अहम खिलाड़ी बन सकता है?
दक्षिणी अमेरिकी देश इक्वाडोर ने भारत से 2009 में पाँच और 2011 में दो ध्रुव एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर ख़रीदे थे. यह सौदा 4.52 करोड़ डॉलर का था.
लेकिन इनमें से चार हेलिकॉप्टर क्रैश कर गए तो इक्वाडोर ने 2015 में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से अनुबंध को एकतरफ़ा तोड़ने का फ़ैसला कर लिया था. इक्वाडोर ने क्रैश के बाद बाक़ी बचे तीन ध्रुव हेलिकॉप्टर वापस करने का फ़ैसला किया था.
इक्वाडोर ने ध्रुव हेलिकॉप्टर में गुणवत्ता को लेकर शिकायत की थी. अभी जब आठ दिसंबर को भारतीय वायु सेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर दुघर्टना ग्रस्त हुआ और उसमें सवार भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोगों की मौत हुई तो चीनी अख़बारों ने तंज़ कसते हुए भारत की रक्षा क्षमता पर सवाल उठाया था. हालांकि Mi-17V5 हेलिकॉप्टर रूस में बना था.
अब भारत ने पहली बार फ़िलीपींस के साथ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल बेचने का समझौता किया है. फ़िलीपींस के रक्षा मंत्री डेलफ़िन लोरेंज़ाना की ओर से 31 दिसंबर को एक नोटिस जारी किया गया था.
इस नोटिस में बताया गया है कि ब्रह्मोस एरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड से 37.4 करोड़ डॉलर के सौदे की जानकारी दी गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह सौदा कामयाब रहा तो यह भारत में बने सुरक्षा उपकरण का पहला सबसे बड़ा सौदा होगा.