भारत को इस मामले में पीछे छोड़ देगा सऊदी अरब
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आगामी वित्त वर्ष में भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था पर ब्रेक लगने वाला है. कहा जा रहा है कि घरेलू और विदेशी मांग में कमी के कारण भारत का विकास धीमा होगा. वहीं, सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था भारत को पछाड़ने वाली है.
नए साल में भारत से 'सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था' का टैग छिन सकता है. खाड़ी देश सऊदी अरब भारत को पछाड़कर आगे निकलने वाला है. भारतीय अर्थव्यवस्था को देश और विदेशों में घटती मांग से करारा झटका लगा है. रूस-यूक्रेन युद्ध का वैश्विक मांग पर बेहद बुरा असर पड़ा है.
शुक्रवार को सांख्यिकी मंत्रालय ने अपना आधिकारिक अनुमान जारी किया जिसके मुताबिक, मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद में 7 फीसदी की वृद्धि होगी. पिछले साल भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 8.7 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अनुमान है कि इस साल सऊदी अरब के सकल घरेलू उत्पाद में 7.6 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की गति में ये उछाल तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के कारण आया है.
सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में तेजी का कारण?
ऐसे समय में जब रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पूरी दुनिया पर मंदी का साया मंडरा रहा है, खाड़ी देश सऊदी अरब अपने तेल और प्राकृतिक गैस के कारण आर्थिक विकास की सीढ़ियां चढ़ रहा है. सऊदी अरब के आर्थिक विकास के पीछे और कई वजहें हैं. सऊदी अरब के किंग सलमान ने कई तरह के आर्थिक सुधार किए हैं. उन्होंने सऊदी की तेल पर निर्भरता को कम करने के लिए पर्यटन, निवेश आदि क्षेत्रों पर ध्यान देना शुरू किया है.
अपने महत्वाकांक्षी प्रोग्राम 'विजन 2030' के तहत किंग सलमान सऊदी की अर्थव्यवस्था को उदार बना रहे हैं जिससे सतत आर्थिक विकास को मजबूती मिली है. सऊदी अरब ने देश में निवेश को आकर्षित करने के लिए देश में बेहतर वातावरण तैयार किया है और प्राइवेट सेक्टर पर भी फोकस किया है.
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