भारत की बड़ी डिप्लोमेटिक जीत! ईरान ने 5 भारतीय नाविकों को छोड़ा, जानें इजरायल से क्या है कनेक्शन
AajTak
भारत को एक बड़ी डिप्लोमेटिक जीत मिली है. ईरान ने उन 5 भारतीय सैलर्स (नाविक) को छोड़ दिया है, जिन्हें ईजरायल से संबंधित जहाज को कब्जे में लेने के बाद पकड़ लिया गया था. ईरान में स्थित भारतीय दूतावास ने इसकी पुष्टि की है. पांचों सैलर्स तेहरान से भारत के लिए रवाना हो चुके हैं.
भारत को एक बड़ी डिप्लोमेटिक जीत मिली है. ईरान ने उन 5 भारतीय सैलर्स (नाविक) को छोड़ दिया है, जिन्हें ईजरायल से संबंधित जहाज को कब्जे में लेने के बाद पकड़ लिया गया था. ईरान में स्थित भारतीय दूतावास ने इसकी पुष्टि की है. पांचों सैलर्स तेहरान से भारत के लिए रवाना हो चुके हैं.
रिहाई के बारे में बताते हुए भारतीय दूतावास ने ईरानी अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया है. सोशल मीडिया पर साझा की गई पोस्ट में ईरान के भारतीय दूतावास ने लिखा,'MSC एरीज (इजरायल संबंधित जहाज) पर सवार 5 भारतीय नाविकों को ईरान से रिहा कर दिया गया है. बंदर अब्बास दूतावास के भारतीय वाणिज्य दूतावास के साथ अच्छे समन्वय के लिए ईरानी अधिकारियों का धन्यवाद.'
सबसे पहले केरल की महिला को किया था रिहा
दरअसल, इजराइल से जुड़े कार्गो शिप को ईरान ने 13 अप्रैल को अपने कब्जे में ले लिया था. इस जहाज में 17 भारतीय नागरिक सवार थे. जहाज को ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स नेवी ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज (होर्मुज जलडमरूमध्य) के पास जब्त किया था. इसके बाद 18 अप्रैल को 17 भारतीय नाविकों में से एक महिला को रिहा कर दिया गया था. वह केरल के त्रिशूर में स्थित अपने घर लौट आई थी. त्रिशूर की एन टेसा जोसेफ जब कोचीन पहुंचीं तो अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया था.
जहाज में सवार 25 क्रू मेंबर्स को बनाया था बंधक
बता दें कि इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष चल रहा है. इस बीच ही इजरायल के मालवाहक जहाज एमएससी एरीज को ओमान की खाड़ी से गुजरते वक्त ईरान ने जब्त कर लिया था. शिप में सवार क्रू मेंबर्स समेत 25 लोगों को भी ईरान ने बंधक बना लिया था. इनमें एक महिला कैडेट समेत 17 भारतीय स्टाफ था. मामला संज्ञान में आने के बाद भारत सरकार एक्टिव हो गई थी और ईरान सरकार से सीधे संपर्क किया था. इसके बाद सबसे पहले महिला कैडेट एन टेसा जोसेफ को छोड़ा गया था.
अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि मध्य अफगानिस्तान में बारिश और बाढ़ की ताजा स्थिति के बाद कम से कम 50 लोग मारे गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रांत की राजधानी फिरोज-कोह में 2 हजार घर पूरी तरह से टूट गए हैं और 4 हजार घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 2 हजार से ज्यादा दुकानें तबाह हो गईं हैं.
पाकिस्तानी मीडिया में चल रहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक बिश्केक में हुई घटना में 3 पाकिस्तानी छात्रों की मौत हो चुकी है. किर्गिस्तानी मीडिया के मुताबिक 13 मई को किर्गिज छात्रों और मिस्र के मेडिकल छात्रों के बीच लड़ाई का एक वीडियो इंटरनेट पर शेयर होने के बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया और स्थानीय छात्रों ने विदेशी स्टूडेंट्स को निशाना बनाना शुरू कर दिया.
किर्गिस्तान के बिश्केक में एक हॉस्टल पर कुछ स्थानीय लोगों की गुस्साई भीड़ ने हमला बोल दिया. तीन पाकिस्तानी छात्रों की पीट पीटकर हत्या कर दी गई. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ स्थानीय लोगों से झगड़े के बाद यह बवाल बढ़ा. इस बीच भारतीय दूतावास ने अपने छात्रों को हालात सामान्य होने तक बाहर ना निकलने की सलाह दी है. देखें ये वीडियो.
भारतीय दूतावास ने भी अपने छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है. किर्गिस्तान स्थित भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि हम अपने छात्रों के संपर्क में हैं. स्थिति फिलहाल शांत है, लेकिन छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे अपने घरों के अंदर ही रहें और कोई भी समस्या होने पर दूतावास से संपर्क करें. हमारा 24×7 संपर्क नंबर 0555710041 है.
सेना ने मिले अन्य दो शवों की पहचान 28 वर्षीय महिला अमित बुस्किला और 56 साल के इत्ज़ाक गेलरेंटर के रूप में की है. सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि हमास ने गाजा बॉर्डर के पास एक आउटडोर डांस पार्टी नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में तीनों की हत्या की और उनके शवों को फिलिस्तीनी क्षेत्र में ले जाया गया.