ब्रितानी राज के 'जेम्स बॉन्ड' एलेक्ज़ेंडर बर्न्स, जो भेष बदलने में माहिर थे
BBC
एलेक्जेंडर बर्न्स एक दुस्साहसी योद्धा, जासूस, कूटनीतिज्ञ, भेष बदलने और भाषाएं सीखने के विशेषज्ञ और सौंदर्य के पुजारी थे. अगर भरी जवानी में मारे न जाते तो न जाने वो और क्या-क्या करते.
एलेक्ज़ेंडर बर्न्स ने साहस, चालाकी और रुमानियत से भरा ऐसा जीवन बिताया कि किसी ने उन्हें 'विक्टोरियन जेम्स बॉन्ड' बताया तो किसी ने उन्हें उन्हीं गुणों के कारण एक ऐसे किताबी हीरो 'फ्लैशमैन' का नाम दिया, जो ख़तरों का खिलाड़ी होने के साथ-साथ ख़ूबसूरती का भी दीवाना था.
एलेक्जेंडर बर्न्स एक दुस्साहसी, योद्धा, जासूस, कूटनीतिज्ञ, भेष बदलने और भाषाएं सीखने के विशेषज्ञ और सौंदर्य के पुजारी थे, जो अगर भरी जवानी में मारे न जाते तो न जाने और क्या क्या करते.
बर्न्स 17 मई 1805 को मोन्ट्रोज़, स्कॉटलैंड में पैदा हुए. 16 साल की उम्र में ईस्ट इंडिया कंपनी की फ़ौज में शामिल हुए. ब्रितानी हिन्दुस्तान में सेवाएं देते हुए उर्दू और फ़ारसी भाषा सीखी और सन 1822 में गुजरात के शहर सूरत में अनुवादक नियुक्त हुए.
एलेक्जेंडर बर्न्स के दुस्साहस से भरे जीवन की शुरुआत एक ऐसे ख़ुफ़िया मिशन से हुई, जिसने अंग्रेज़ों की सिंध में विजय की बुनियाद रख दी.