
बैजबॉल की हवा निकली! एशेज में करारी हार के बाद इंग्लिश टीम पर बरसे माइकल वॉन
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इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलियाई धरती पर 2010-11 के बाद टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई है. ये सिलसिला इस बार भी कायम रहा है. इंग्लैंड ने शुरुआती तीन टेस्ट गंवा दिए हैं और एशेज जीतने का सपना चकनाचूर हो चुका है.
इंग्लिश टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट मैच में 82 रनों से हार झेलनी पड़ी थी. एडिलेड टेस्ट में हार के साथ ही इंग्लैंड की टीम ने एशेज सीरीज गंवा दिय. इंग्लैंड का ऑस्ट्रेलिया में एशेज जीतने का सूखा अब 15 साल तक पहुंच गया है और आलोचनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. एशेज सीरीज में महज 11 दिनों के अंदर हार झेलने पर इंग्लिश टीम के कप्तान बेन स्टोक्स और हेड कोच ब्रैंडन मैक्कुलम आलोचकों के निशाने पर हैं.
बेन स्टोक्स और ब्रैंडन मैक्कुलम के अंडर इंग्लिश टीम अब तक ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ एक भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई है. जिस 'बैज़बॉल' रणनीति ने कमजोर टीमों के खिलाफ इंग्लैंड को सफलता दिलाई, वही दुनिया की शीर्ष दो टीमों के सामने पूरी तरह नाकाम साबित हुई. एशेज से पहले 'तैयारी की कमी' को लेकर पहले ही आलोचना झेल रही इंग्लैंड टीम पर अब दबाव और बढ़ गया है. इंग्लिश दिग्गज जेफ्री बॉयकॉट तो मैकुलम को हेड कोच पद से हटाने तक की मांग कर चुके हैं.
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अब पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने इंग्लैंड की टीम पर जमकर हमला बोला है. माइकल वॉन ने अपने विश्लेषण में कहा कि इंग्लिश टीम पिछले तीन सालों से जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास यानी घमंड में थी और यही वजह है कि पूरी क्रिकेट दुनिया उसे चुप होते देखना चाहती थी. वॉन के मुताबिक यह दौरा इंग्लैंड के लिए पूरी तरह अपमानजनक रहा और इसमें कोई हैरानी नहीं कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी उनकी इस खराब हालत पर हंस रहे हैं.
तीन सालों से घमंड था: वॉन माइकल वॉन ने टेलीग्राफ में अपने कॉलम में लिखा, इस एशेज टूर पर इंग्लैंड टीम का पूरा अप्रोच बुरी तरह बेनकाब हो गया है. 11 दिनों में शर्मनाक पराजय के बाद बड़े फैसले लिए जाते हैं. इतिहास गवाह है कि पहले भी कड़े निर्णय लिए गए. ऑस्ट्रेलिया में यह इंग्लैंड की सबसे खराब हारों में से एक है. तीन सालों से टीम में घमंड था और अब यह दौरा उनके लिए सबक बन गया है.'
माइकल वॉन ने आगे लिखा, 'ऑस्ट्रेलियाई हंस रहे हैं. उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि इतनी क्वालिटी वाली टीम इतनी कमजोर कैसे दिखी. चार साल से यह बात फैलाई जा रही थी कि यह स्टाइल ऑस्ट्रेलिया में जीत दिलाएगा, लेकिन मुझे नहीं पता यह सोच कहां से आई. ऑस्ट्रेलिया में वही टीमें जीती हैं जो धैर्य से खेलती हैं, विरोधी को थकाती हैं और जिनके गेंदबाज अनुशासन के साथ गेंदबाजी करते हैं. हमारे पास इनमें से कुछ भी नहीं है.'

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