
ईशान किशन 2.O का गीता कनेक्शन... खामोश कमबैक की कहानी जिसने मचा दिया शोर
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ईशान किशन की T20 वर्ल्ड कप 2026 टीम में वापसी सिर्फ़ चयन नहीं, बल्कि आत्ममंथन, अनुशासन और धैर्य की जीत है. आलोचनाओं, कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होने और घरेलू क्रिकेट में संघर्ष के बाद, उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर चयनकर्ताओं का भरोसा दोबारा जीता. यह वापसी शोर से नहीं, बल्कि मेहनत और परिपक्वता से बनी है. और यही इसे खास बनाती है.
टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए भारतीय टीम में ईशान किशन की वापसी किसी फिल्मी कमबैक से कम नहीं है. टीम के इस ऐलान से पहले तक भारत की जर्सी में उनका दिखना लगभग असंभव सा प्रतीत हो रहा था. जो खिलाड़ी कभी भारत की अगली पीढ़ी का जोशीला चेहरा माना जाता था, वह चयन की चर्चाओं से लगभग गायब हो चुका था. ऐसा लगने लगा था कि टीम उनके बिना आगे बढ़ चुकी है. लेकिन 27 वर्षीय किशन ने इस कहानी को अपनी ओर मोड़ दिया है.
आलोचनाओं में उलझने या जोरदार सफ़ाई देने के बजाय, ईशान किशन ने परिपक्वता और ज़िम्मेदारी को चुना. कभी किशन की मानसिक थकान को बहाना कहा गया. उनके स्वभाव पर सवाल उठे और उनकी प्रतिभा को लेकर शंकाएं पैदा हुईं. लेकिन टीवी स्टूडियो और सोशल मीडिया से दूर, किशन खामोशी से खुद को दोबारा गढ़ रहे थे. सिर्फ एक खिलाड़ी के रूप में नहीं, बल्कि एक इंसान के रूप में.
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उनकी वापसी किसी एक शानदार पारी या हाइलाइट रील से परिभाषित नहीं होती. यह वापसी उन शांत फैसलों से बनी है. जिसमें आत्ममंथन, अनुशासन और दृढ़ता है. यह वापसी याद दिलाती है कि हर वापसी को विस्फोटक होना ज़रूरी नहीं, उसका अर्थपूर्ण होना ज़्यादा ज़रूरी है.
भगवद्गीता से मिली स्पष्टता
ईशान किशन की इस वापसी के पीछे भगवद्गीता का बड़ा अहम रोल है. न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, उनके मेंटर सौरभ पांडेय ने बताया कि यह यात्रा तब शुरू हुई जब उनकी मां ने तनाव से निपटने के लिए उन्हें गीता पढ़ने की सलाह दी. और यह सलाह किशन के साथ रह गई. उन्होंने अपनी किट बैग में एक छोटी गीता रखना शुरू किया और मुश्किल दौर में उसे पढ़ने लगे. यह किसी धार्मिक अनुष्ठान की तरह नहीं था, बल्कि मानसिक स्पष्टता के लिए था. इसे पढ़ने के बाद कोच और साथी खिलाड़ियों ने बदलाव महसूस किया.यह भी पढ़ें: 'वो अच्छे प्लेयर, लेकिन टीम कॉम्बिनेशन जरूरी...', शुभमन गिल को बाहर करने पर बोले चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर

भारत की T20 वर्ल्ड कप टीम में जितेश शर्मा को बाहर किए जाने से फैंस और पूर्व खिलाड़ी हैरान हैं. चयनकर्ताओं ने इसे टीम कॉम्बिनेशन का फैसला बताया, न कि काबिलियत पर सवाल. IPL में शानदार प्रदर्शन और फिनिशर की भूमिका निभाने के बावजूद जितेश को मौका नहीं मिला, जबकि संजू सैमसन और घरेलू क्रिकेट में चमके ईशान किशन को विकेटकीपर-बल्लेबाज़ के रूप में चुना गया.












