
बीजेपी पार्षदो ने बजट संसोधन की प्रतियां फाड़ी, दिल्ली MCD में जोरदार हंगामा
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दिल्ली नगर निगम के बजट पर बुलाई गई मीटिंग में मंगलवार को खूब हंगामा हुआ. भाजपा पार्षदों का कहना है कि वार्ड कमेटियों से लेकर स्थायी समिति, शिक्षा समिति तक के फंड को महापौर के अधिकार वाले फंड में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव दिया गया है, जो कि कर्मचारी विरोधी है.
दिल्ली नगर निगम के संशोधित बजट अनुमान 2023-24 और बजट अनुमान 2024-25 पर चर्चा के लिए बुलाई गई निगम सदन की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. सोमवार को चंड़ीगढ़ महापौर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर आप और भाजपा पार्षदों में नोंक-झोंक हुई थी तो वहीं मंगलवार को बैठक भाजपा पार्षदों ने आप पार्षदों की ओर से बजट में संशोधन (कट मोशन) के प्रस्तावों को लेकर भाजपा ने विरोध किया. बीजेपी पार्षदों ने संशोधन प्रस्ताव की प्रतियां भी फाड़ दीं.
भाजपा पार्षद योगेश वर्मा ने इस सदन में इस मुद्दे को उठाया. इसके बाद भाजपा पार्षद महापौर डॉक्टर शैली ओबेराय के आसन के सामने आ गए और महापौर से कट मोशन को वापस लेने की मांग की. इस दौरान महापौर ने भाजपा पार्षदों को शांत कराने की कोशिश की लेकिन हंगामा शांत होने के लिए पहले सदन की बैठक दस मिनट के लिए स्थगित की.
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भाजपा पार्षद क्यों कर रहे विरोध?
भाजपा पार्षद योगेश वर्मा का कहना है कि चाहे ग्रुप बी के कर्मचारियों के वेतन का मामला हो या वार्ड कमेटियों से लेकर स्थायी समिति, शिक्षा समिति के फंड को महापौर के विवेकाधिकार फंड में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव आप पार्षदों ने दिया है. वर्मा ने कहा कि यह प्रस्ताव जन विरोधी के साथ ही कर्मचारी विरोधी है. इन प्रस्तावों का भाजपा विरोध करती है. साथ ही इन प्रस्तावों को पास नहीं होने दिया जाएगा. योगेश वर्मा ने कहा कि कुल 1500 करोड़ फंड ऐसे मदों से स्थानांरित आप सरकार करना चाहती है जो वैधानिक रूप से उचित नहीं है.
कांग्रेस पार्षदों ने भी जताया विरोध

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