बिहार: पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर रार, विपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरा, RJD कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
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बिहार में कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन लागू है. इस संकट के बीच पूर्व सांसद पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है, उनपर लॉकडाउन के उल्लंघन का आरोप है. अब बिहार के कई नेताओं ने इस मसले पर राज्य सरकार को घेरा है...
बिहार में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच राजनीतिक घमासान जारी है. मंगलवार को जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोप है कि पप्पू यादव ने कोरोना काल में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया है. लेकिन बीते दिनों में पप्पू यादव और राज्य सरकार के बीच तनातनी बढ़ी है, ऐसे में अब गिरफ्तारी होने पर राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. पप्पू यादव की गिरफ्तारी के विरोध में बिहार और देश के कई बड़े नेताओं ने अपना बयान जारी किया है और राज्य की नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. सिर्फ नीतीश सरकार के विरोधी ही नहीं बल्कि उनके साथी भी इस मसले पर पप्पू यादव का समर्थन करते हुए नज़र आ रहे हैं. पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर किसने क्या कहा... बिहार सरकार में मंत्री रहे और लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने इस मसले पर राज्य सरकार को घेरा. तेज प्रताप ने ट्वीट किया कि यहां पर चोरी करने वाले को गिरफ्तार किया जाता है, जबकि सीएम आवास में इफ्तारी होती है. क्लिक करें: गिरफ्तारी पर बोले पप्पू यादवः कोरोना काल में जिंदगियां बचाना अपराध है तो मैं अपराधी हूं बिहार के ही कीर्ति आज़ाद ने भी पप्पू यादव पर एक्शन लिए जाने का विरोध किया. कीर्ति आज़ाद ने ट्वीट में लिखा कि पप्पू यादव डबल इंजन सरकार की पोल खोल रहे हैं, इसलिए उनपर ऐसा एक्शन लिया जा रहा है. सिर्फ विरोधी ही नहीं, बल्कि बिहार की एनडीए सरकार में साझेदार भी इस गिरफ्तारी पर सवाल खड़े कर रहे हैं. हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर पप्पू यादव की गिरफ्तारी का विरोध किया है. जीतन राम मांझी ने लिखा है कि अगर कोई जनप्रतिनिधि दिन रात लोगों की सेवा करे, फिर भी उसे गिरफ्तार किया जाए तो मानवता के विरोध में उठाया गया कदम है.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.