बिशप मुलक्कल नन रेप मामले में बरी, पर याद रखा जाएगा केरल का यह केस
BBC
जालंधर के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर एक नन के साथ बलात्कार के मामले में फ़ैसला आ गया है. केरल की एक अदालत ने उन्हें बरी कर दिया मगर ये मुक़दमा ऐतिहासिक बन चुका है.
केरल में कोट्टायम की एक अदालत ने पिछले शुक्रवार को जालंधर डियोसेज़ के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल को एक नन के साथ बलात्कार के आरोपों से बरी कर दिया.
इस मामले की काफ़ी चर्चा हुई थी और आरोप लगाने वाली महिला को न्याय दिलाने के लिए क़ानून में बदलाव लाने की वकालत भी की गई थी.
मगर कोट्टायम के एडिशनल सेशंस कोर्ट में जब फ़ैसला सुनाया गया तो किसी को यकीन ही नहीं हुआ. शुक्रवार की रात जब 289 पेज के फ़ैसले को वेबसाइट पर डाला गया, तो सामाजिक और महिला कार्यकर्ताओं के अलावा अकादमिक जगत के लोग, वकील और जानकार हैरान रह गए.
इतिहासकार जे. देविका ने बीबीसी हिंदी को बताया, ''यह फ़ैसला बलात्कार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की हिम्मत करने वाली महिलाओं के लिए बड़ा झटका है. यह स्पष्ट है कि जज ने पितृसत्ता के हितों के उपयुक्त तकनीकी व्याख्या की है. उनके लिए न्याय नहीं तकनीकी बारीकियां मायने रखती हैं. जब तक क़ानूनी प्रक्रियाओं में बदलाव नहीं होता, महिलाओं को महसूस होगा कि क़ानून उनके ख़िलाफ़ है.''
पंजाब और हिमाचल प्रदेश के चर्चों पर अधिकार रखने वाले जालंधर डायोसीज़ के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 6 मई, 2014 को केरल की एक नन के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा.