बाइडेन ने दो भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों को US के सर्वोच्च वैज्ञानिक पुरस्कार से किया सम्मानित
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बाइडेन ने दो भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों को यूएस के सर्वोच्च वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया है. मंगलवार को व्हाइट हाउस में हुए कार्यक्रम में कुल 21 वैज्ञानिकों को विभिन्न उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को इंजीनियरिंग, भौतिक विज्ञान और जीवन विज्ञान में रिसर्च के लिए भारतीय-अमेरिकी डॉ. सुब्रा सुरेश समेत 21 वैज्ञानिकों को सम्मानित किया. नेशनल साइंस फाउंडेशन के पूर्व प्रमुख सुरेश ब्राउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में प्रोफेसर हैं. इसके अलावा अशोक गाडगिल को नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन से सम्मानित किया गया.
सुब्रा सुरेश को इंजीनियरिंग, भौतिक विज्ञान और जीवन विज्ञान में रिसर्च और विशेष रूप से मटेरियल साइंस की स्टडी और अन्य विषयों में इसके अनुप्रयोग को आगे बढ़ाने के लिए पदक से सम्मानित किया गया.
नेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेडल्स फाउंडेशन की ओर से घोषणा कर सुब्रा सुरेश की उपलब्धियों के बारे में बताया गया, जिसमें कहा गया है कि कैसे विज्ञान लोगों और देशों के बीच समझ और सहयोग बना सकता है. ब्राउन यूनिवर्सिटी के बयान के अनुसार, सुरेश ने कहा, "यह बहुत संतोषजनक है." उन्होंने कहा कि उन्हें इस सम्मान पर विशेष गर्व है क्योंकि यह पदक इसका प्रतीक है.
व्हाइट हाउस की ओर से बताया गया, "आज, राष्ट्रपति अमेरिकियों को राष्ट्रीय विज्ञान पदक और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी और इनोवेशन मेडल से सम्मानित कर रहे हैं, जिन्होंने हमारे देश की भलाई को के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में अनुकरणीय उपलब्धियां हासिल की हैं." बता दें कि नेशनल मेडल ऑफ साइंस देश का सर्वोच्च वैज्ञानिक सम्मान है, जिसे साल 1959 में अमेरिकी कांग्रेस द्वारा स्थापित किया गया था और यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन द्वारा प्रशासित किया गया था.
सुब्रा सुरेश का भारत में हुआ था जन्म
सुब्रा सुरेश का जन्म साल 1956 में भारत में हुआ था. उन्होंने 15 साल की उम्र में हाई स्कूल और 25 साल की उम्र तक बेचलर, मास्टर और पीएचडी की डिग्री हासिल कर ली थी. उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में केवल दो साल में पीएचडी की डिग्री हासिल की थी.