
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के US दौरे से चीन की घेराबंदी कैसे हो सकती है? जानिए
Zee News
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर रवाना हो गए हैं. इस दौरे से चीन की घेराबंदी की तैयारी है. क्वाड मिलकर चीन को काउंटर करने की रणनीति बना रहा है. इस दौरान आतंकवाद का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण होगा.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बुधवार को अपने तीन दिन के दौरे पर अमेरिका (US) रवाना हो गए. इस दौरान पीएम मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) समेत दुनिया के कई बड़े नेताओं के साथ बातचीत करेंगे. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत को मिलाकर बने क्वाड (Quad) की एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेंगे और संयुक्त राष्ट्र में भाषण भी देंगे. इस दौरे से चीन की कैसे घेराबंदी हो सकती है, अब ये समझना आपके लिए जरूरी है.
इनमें सबसे अहम है QUAD की बैठक, जिसमें चार बड़े मुद्दों पर चर्चा की संभावना है. इनमें पहला मुद्दा इंडो पैसिफिक रीजन (Indo Pacific Region) में चीन के प्रभाव को कम करना है. जबकि दूसरा मुद्दा कोविड-19 है, जो कि चीन से ही जुड़ा है. वहीं, तीसरा मुद्दा नई वैक्सीन सप्लाई चैन (New Vaccine Supply Chain) बनाना है. इस समय चीन सबसे ज्यादा देशों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) दे रहा है, जिसे QUAD के चारों देश काउंटर करना चाहते हैं. इसके लिए भारत में जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson and Johnson) वैक्सीन की 100 करोड़ डोज बनाने पर चर्चा हो सकती है. ऐसा हुआ तो चीन की वैक्सीन वाली सॉफ्ट पावर कमजोर होगी. चौथा मुद्दा है अफगानिस्तान, जहां अमेरिका की वापसी के बाद चीन का नियंत्रण बढ़ा है. QUAD के ये देश ऐसा नहीं चाहेंगे, इसलिए इस पर भी नई रणनीति को लेकर चर्चा हो सकती है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.









