पेट्रोल और डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाने में दिक़्क़त क्या है?
BBC
एक बार फिर पेट्रोल और डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाने की चर्चा हो रही है. केंद्र सरकार के किसी फ़ैसले से पहले ही कुछ राज्य इसका विरोध कर रहे हैं.
पेट्रोल और डीज़ल को उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का महाराष्ट्र और केरल सरकार विरोध करेंगी.
शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक हो रही है. दोनों राज्य सरकारों के वित्त मंत्री का ये बयान जीएसटी काउंसिल की बैठक से ठीक पहले आया है.
महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा, "इस बात की चर्चा है कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है. वैसे इस बारे में अभी कोई सूचना नहीं मिली है. जीएसटी के 30-32 हज़ार करोड़ रुपए अभी तक महाराष्ट्र सरकार को नहीं मिले हैं. पेट्रोल-डीज़ल पर केंद्र सरकार ने जो टैक्स लगाया है, वो कम कर सकते हैं. राज्यों को जो अधिकार दिए गए हैं, उस पर किसी तरह की कोई आँच नहीं आनी चाहिए."
महाराष्ट्र के बाद केरल सरकार ने भी इस मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया है.
केरल के वित्त मंत्री एन बालागोपाल ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि अगर पेट्रोल और डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाने पर कोई फ़ैसला आता है, तो राज्य सरकार उसका विरोध करेगी.