पाकिस्तान में अहमदी समुदाय सुरक्षित नहीं! 10 महीने में 40 धार्मिक स्थलों पर हमला
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पाकिस्तान में मौजूद अहमदी समुदाय की तरफ से बड़ा दावा किया गया है. उनका कहना है कि बीते दस महीनों में उनके 40 धार्मिक स्थलों पर हमला हुआ है. ये हमले सिंध और पंजाब प्रांत में हुए हैं.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के साथ-साथ अहमदी अल्पसंख्यक समुदाय की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. अहमदी समुदाय की एक संस्था ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इनमें कहा गया है कि साल 2023 में अब तक उनके करीब 40 धार्मिक स्थलों पर हमले हुए हैं. ये हमले या तो कट्टरपंथियों ने किए हैं या फिर पुलिस ने अलग-अलग वजह बताकर इनको गिरा दिया है.
बता दें कि पाकिस्तान में अहमदी अल्पसंख्यक समुदाय को मुस्लिम समुदाय से अलग रखा जाता है. पाकिस्तान की संसद ने 1974 में अहमदी समुदाय को गैर-मुस्लिम करार दिया था. इसके एक दशक बाद उन पर बैन लगाया गया कि वे अपने आप को मुस्लिम नहीं बोल सकते. फिर उनके सऊदी अरब जाने पर पाबंदी भी लगा दी गई थी.
अब जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के अधिकारी आमिर मोहम्मद ने कहा, 'इस साल ऐसी 40 घटनाएं हुई हैं जिसमें हमारे धार्मिक स्थल को अपवित्र किया गया. इसमें से 11 घटनाएं सिंध और बाकी पंजाब प्रांत की हैं.'
अधिकारी का कहना है कि सिंध में जब कट्टरपंथियों ने हमले किए तो पुलिस मूकदर्शक बनी रही. आरोप है कि ज्यादातर हमले तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने किए हैं. अधिकारी का दावा है कि पंजाब की केयरटेकर सरकार पूरी तरह से विफल है. उनके कार्यकाल में ऐसे 30 हमले होने की बात कही गई है. बता दें कि ह्मूयन राइट्स कमीशन ऑफ पाकिस्तान (HRCP) पहले भी ऐसे हमलों पर चिंता जता चुका है बावजूद इसके कोई एक्शन नहीं हुआ है.