पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम बंद कराने के लिए जब अमेरिका ने डाला था दबाव
BBC
भारत के परमाणु परीक्षण करने के बाद अमेरिका पाकिस्तान पर परमाणु हथियार न बनाने का दबाव बना रहा था. एक ख़ुफ़िया दस्तावेज़ से इसका पता चलता है.
"अगर मैं पाकिस्तान का प्रधानमंत्री होता, तो मैं वही करता जो (ज़ुल्फ़िकार अली) भुट्टो कर रहे हैं."
अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर ने एक बैठक में ये बात भारतीय विदेश मंत्री यशवंत राव चव्हाण से उसी दबाव के मद्देनज़र कही थी, जो अमेरिका भारत के परमाणु परीक्षण के बाद पाकिस्तान पर परमाणु हथियार न बनाने के लिए बना रहा था.
इस बातचीत का पता उस ख़ुफ़िया दस्तावेज़ से चलता है जो अमेरिकी विदेश नीति से संबंधित जारी किए जाने वाले हज़ारों दस्तावेज़ों में से एक है.
न्यूयॉर्क में 8 अक्टूबर 1976 की सुबह को होने वाली इस बैठक में, किसिंजर ने आगे कहा, कि "अजीब बात यह है कि पाकिस्तान पारंपरिक हथियारों का संतुलन नहीं बना सकता.... अगर उन्हें 10-15 परमाणु हथियार मिल जाएं, तो इससे भारत और पाकिस्तान में बराबरी हो जाएगी."
"आपके परमाणु शक्ति संपन्न होने ने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है, जिसमें एक बार फिर, ऐसी समानता संभव है, जो पारंपरिक हथियारों से संभव नहीं थी."