
पवार VS पवार: किसके हिस्से जाएगी बारामती की लोकसभा सीट, क्या शरद पवार के गढ़ में कामयाब हो पाएगा NDA?
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बारामती सीट पर लोकसभा चुनाव चर्चा में है. मतदाताओं को सीनियर राजनेता शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच की लड़ाई में एक तरफ का रास्ता चुनना है.
महाराष्ट्र (Maharashtra) के बारामती लोकसभा इलाके में, 'शरद पवार बनाम अजित पवार' का सवाल हवा में घुला हुआ है. कुछ मौकों को छोड़कर, यह निर्वाचन क्षेत्र 1985 से ही पवारों का गढ़ रहा है, जिस तरह गांधी परिवार के साथ अमेठी और रायबरेली का जुड़ाव रहा है. बारामती में मतदाताओं की पसंद में कोई कन्फ्यूजन नहीं था, इस सीट पर या तो पवार परिवार का कैंडिडेट होता था या उनके द्वारा समर्थित कोई दूसरी कैंडिडेट चुनाव लड़ता था.
हालांकि, आगामी लोकसभा चुनाव एक नई तस्वीर पेश कर रहा है, जिसमें मतदाताओं को सीनियर राजनेता शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच एक को अपनी पसंद बनाना है.
इस लड़ाई ने बीजेपी का ध्यान खींचा है, जो लंबे वक्त से बारामती में शरद पवार की विरासत को चुनौती देने की कोशिश कर रही है. 2014 और 2019 में काफी कोशिशों के बावजूद बीजेपी हार गई और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने जीत हासिल की थी.
साल 2014 में बीजेपी समर्थित राष्ट्रीय समाज पार्टी के नेता महादेव जानकर ने सुप्रिया सुले को चुनौती दी थी. मोदी लहर और जातिगत समीकरण पर भरोसा करते हुए जानकर ने सुले को कड़ी टक्कर दी लेकिन फिर भी 67 हजार वोटों के अंतर से हार गए. विशेष रूप से, यह बारामती में पवार की जीत का सबसे कम अंतर था.
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क्या कामयाब होगी बीजेपी की रणनीति?

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