नेताओं-अफसरों की सिफारिश से आजिज डॉक्टर, कहा-अपने मरीजों के इलाज का बनाते हैं दबाव
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रेजिडेंट डॉक्टरों की फेडरेशन ने अपने पत्र में लिखा है कि अस्पतालों में सीमित संसाधन हैं, ऐसे में किसी मंत्री, नेता, अधिकारी द्वारा अपने मरीजों का इलाज पहले करने के लिए कहना, बाकी लोगों के साथ भेदभाव है. डॉक्टरों ने ये भी बताया कि कई नेता और अधिकारी छोटी मोटी बीमारी के लिए भी रेजिडेंट डॉक्टर के आवास तक पर आ जाते हैं. इस पर रोक लगनी चाहिए.
कोरोना के चलते पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं. कोरोना के चलते सभी अस्पताल फुल हैं. ऑक्सीजन मिल नहीं रही. गंभीर मरीज में भी अस्पताल के गेट पर इलाज का इंतजार कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में नेताओं और अफसरों की सिफारिश डॉक्टरों के लिए मुसीबत बन रही है. नेताओं और अफसरों की दखलंदाजी से आजिज आए डॉक्टरों ने अब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री को खत लिखा है. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री को 'नेताओं और सरकारी अफसरों द्वारा तरजीह आधार पर इलाज करने के लिए हस्तक्षेप करने पर शिकायत की है. फेडरेशन ने अपने पत्र में लिखा है कि सरकारी अफसर, नेता, जनप्रतिनिधि अपने मरीजों का, पहले इलाज कराने के लिए अनावश्यक हस्तक्षेप करते हैं. छोटी-छोटी बीमारियों के लिए घर और अस्पताल आ जाते हैं. हॉस्पिटल में कुछ अप्रिय घटना हो जाए तो उसके लिए फिर डॉक्टरों पर आरोप लगाया जाता है.JK: ISI और आतंकियों से कनेक्शन पर एक्शन, एंटी नेशनल एक्टिविटी के आरोप में 4 सरकारी कर्मचारी टर्मिनेट
जांच में सामने आया कि ये चारों कर्मचारी पाकिस्तान के ISI और आतंकी संगठनों की ओर से काम कर रहे थे. इसे लेकर कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों ने उनके खिलाफ़ सबूत जुटाए थे.
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