
नेतन्याहू और उनकी पत्नी की हत्या की कोशिश! इजरायल आखिर ड्रोन अटैक को नाकाम क्यों नहीं कर पाता?
AajTak
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनके घर पर ड्रोन हमला किया गया है. उन्होंने कहा कि हिज्बुल्लाह ने ड्रोन अटैक में उन्हें और उनकी पत्नी की हत्या की कोशिश की है. इससे सवाल उठता है कि मिसाइल हमलों को नाकाम करने वाला इजरायल ड्रोन हमले को नाकाम क्यों नहीं कर पाता है.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के प्रॉक्सी हिजबुल्लाह ने शनिवार को कैसरिया शहर में उनके घर की तरफ ड्रोन से हमला कर उनकी और उनकी पत्नी की हत्या करने की कोशिश की थी. हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर इस बात को उजागर कर दिया कि भले ही इजरायल के पास अत्यधिक एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम है लेकिन वो ड्रोनों से सुरक्षित नहीं है.
पिछले हफ्ते, उत्तरी इजरायल में एक आर्मी बेस पर हिज्बुल्लाह ने ड्रोन हमला किया था जिसमें चार सैनिक मारे गए थे. उस दौरान न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि इजरायल की एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग, ऐरो का ड्रोन का रोक पाना क्यों मुश्किल है-
इजरायल के पास मिसाइलों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए दुनिया की सबसे बेहतरीन प्रणाली है जो 1,000 मील प्रति घंटे से अधिक तेज गति से यात्रा कर सकती है. लेकिन इसके रडार सिस्टम को मानव रहित विमानों (जिसमें ड्रोन शामिल हैं) का पता लगाना अधिक चुनौतीपूर्ण लगता है, जो कभी-कभी 100 मील प्रति घंटे से भी धीमी गति से चलते हैं.
ड्रोन अक्सर कम धातु से बने होते हैं और तेज गति वाले रॉकेट और गोले की तुलना में कम गर्मी पैदा करते हैं. इससे उनको हमेशा डिटेक्ट नहीं किया जा सकता. ड्रोन जब हवा में दिखते हैं तो दुश्मन के ड्रोन को कभी-कभी इजरायली विमान समझ लिया जाता है. इजरायल में कई छोटे निजी विमान चलते हैं और वो ड्रोन की तरह ही कम ऊंचाई और गति से उड़ते हैं.
इजरायली वायु सेना में ड्रोन विभाग के पूर्व प्रमुख ओफर हारुवी कहते हैं, 'इजरायल ही नहीं बल्कि पश्चिमी दुनिया में हमारे पास जितने भी सिस्टम हैं, वे सभी नियमित लड़ाकू विमानों और मिसाइलों से हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं. हमें एयर डिफेंस सिस्टम के कुछ हिस्सों को फिर से डिजाइन करने की जरूरत है ताकि वे धीमी गति से चलने वाले टारगेट को देख सकें, उनका पता लगा सकें और उन्हें ट्रैक कर सकें.'
इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने में मदद करेगा अमेरिका

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







