
दाढ़ी-बाल पर ट्रंप के मंत्री के कदम से अमेरिका में मचा बवाल, सिख सैनिकों के सपोर्ट में उतरे सांसद
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अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने अमेरिकी सैनिकों के दाढ़ी रखने पर प्रतिबंध लगाया है. इसे लेकर अमेरिकी सिख और मुसलमान सैनिक गुस्से में हैं. उनकी इस परेशानी और सवालों को देखते हुए एक अमेरिकी सांसद ने पीट हेगसेथ को पत्र लिखा है.
अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने बीते महीने अमेरिकी सैनिकों के दाढ़ी रखने पर रोक की घोषणा की थी. इससे अमेरिकी सेना में काम करने वाले सिख-अमेरिकी काफी गुस्से में हैं. इसे देखते हुए एक प्रमुख अमेरिकी सांसद ने अपने रक्षा मंत्री को चिट्ठी लिखकर अपील की है कि वो अपने फैसले पर दोबारा विचार करें. सांसद ने लिखा कि सिख धर्म में केश और दाढ़ी रखना उनके विश्वास का एक प्रमुख हिस्सा है और इसे काटना धार्मिक रूप से गलत माना जाता है.
पीट हेगसेथ को लिखे एक पत्र में अमेरिकी सांसद थॉमस आर. सुवोजी ने कहा कि सिख पीढ़ियों से अमेरिकी सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़े हैं, जिसमें प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध भी शामिल हैं.
सुवोजी ने अपने पत्र में लिखा, 'सिखों के लिए अपने देश की सेवा करना एक पवित्र कर्तव्य है, संत-सिपाही की अवधारणा का प्रतीक, जो आस्था और सेवा का मेल है. सिख धर्म में केश और दाढ़ी को न काटना ईश्वर के प्रति समर्पण और समानता का प्रतीक माना जाता है.'
उन्होंने यह माना कि सेना में अनुशासन और एकरूपता जरूरी है, लेकिन कहा कि धार्मिक और मेडिकल कारणों से दी जाने वाली छूट को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुवोजी ने कहा कि उनके कुछ सिख, मुस्लिम और अफ्रीकी-अमेरिकी वोटर्स नए प्रतिबंधों को लेकर फिक्रमंद हैं. उनका कहना है कि अगर दाढ़ी पर प्रतिबंध धार्मिक, सांस्कृतिक या चिकित्सीय छूटों के बिना लागू किया गया, तो यह अनजाने में उन्हें वर्दी में अपने देश की सेवा करने से रोक सकता है.
पिछले महीने जनरल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए हेगसेथ ने कहा था, 'हम अपने बाल कटवाएंगे, दाढ़ी मुंडवाएंगे और मानकों का पालन करेंगे... अनप्रोफेशनल दिखने का दौर खत्म हो गया है. अब कोई ‘दाढ़ीवाले’ नहीं होंगे.'

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