तीन खरब में बने Crimea Bridge की कहानी, पुतिन के प्राइड पर अटैक से कटी रूसी सेना की सप्लाई लाइन
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क्रीमिया ब्रिज को पुतिन ने तब बनवाया था जब क्रीमिया पर कब्जे के बाद रूस से इस देश का कोई डायरेक्ट लिंक नहीं था. इस ब्रिज को बनाने का ठेका उन्होंने अपने जूडो पार्टनर की कंपनी का दिया था. 2018 में जब ये पुल बनी तो पुतिन ने खुद ट्रक चलाकर इसका उद्घाटन किया था.
19 किलोमीटर लंबा क्रीमिया ब्रिज समंदर के पानी महाशक्ति रूस की ताकत और पुतिन की महात्वाकांक्षा का एहसास कराता है. ब्लैक सी और अजोव सी को जोड़ने वाले क्रीमिया ब्रिज को रूस की आर्थिक गतिविधियों का एक अहम धमनी (artery) कहा जाता है. क्रीमिया को ईंधन, भोजन और अन्य उत्पादों की सप्लाई के लिए ये पुल महत्वपूर्ण है. क्रीमिया के सेवस्तोपोल में ही रूस के ब्लैक सी फ्लीट का बेस है.
इस पुल के सैन्य महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले के बाद इसी पुल के जरिए रूस क्रीमिया अपने सैन्य बलों को भेज रहा है. क्रीमिया से ही रूस दक्षिणी यूक्रेन के खेरासन और जेपोरीजिया पर आसानी से कब्जा कर पा रहा है. ये ब्रिज रूस के टेलिकम्यूनिकेशन संपर्क बनाने के लिए भी एक अहम जरिया है.
शनिवार को इस ब्रिज पर एक भयानक ब्लास्ट हुआ. इस धमाके से पुल को व्यापक नुकसान हुआ. इस ब्लास्ट से पुल पर बना रेल लाइन जल गया और रोड लाइन तहस-नहस हो गया. इस ब्रिज से गुजर रहे कार्गो ट्रेन से निकल रही आग की लपटें मीडिया की सुर्खियां बन रही है और इन तस्वीरों ने पुतिन की प्रतिष्ठा को गहरा धक्का पहुंचाया.
पुतिन का प्राइड क्रीमिया ब्रिज
कर्च स्ट्रेट (kerch strait) पर बना 19 किलोमीटर लंबा ये ब्रिज इंजीनियरनिंग का शानदार नमूना है. पुतिन साल 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करते हुए उसे रूस में मला लिया. अब पुतिन के सामने क्रीमियाई मैनलैंड को रूस से जोड़ने की चुनौती थी. क्योंकि क्रीमिया और रूस के बीच कोई डायरेक्ट लिंक नहीं था. बता दें कि क्रीमिया और रूस के बीच में ब्लैक सी और अजोव सी है.
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