तालिबान शासन को आर्थिक संकट से बचाने आगे आया चीन, 31 मिलियन डॉलर की दी मदद
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चीन ने तालिबान (Taliban) को आर्थिक मदद देने का ऐलान कर दिया है. चीन ने अफगानिस्तान में पिछले तीन हफ्तों से ज़ारी तनाव के खत्म होने की तारीफ की है, साथ ही 31 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद का ऐलान कर दिया है.
अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान का राज आने के बाद से ही चीन का उसके प्रति झुकाव दिख रहा है. अब चीन ने तालिबान (Taliban) को आर्थिक मदद का ऐलान कर दिया है. चीन ने अफगानिस्तान में पिछले तीन हफ्तों से ज़ारी तनाव के खत्म होने की तारीफ की है, साथ ही 31 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद का ऐलान कर दिया है. चीन द्वारा अफगानिस्तान को दी जाने वाली ये मदद अभी शुरुआती ही है. चीन का कहना है कि तालिबान को अब अफगानिस्तान में हालात सामान्य करने चाहिए. अमेरिका की वापसी के बाद से ही अफगानिस्तान में चीन तालिबान के साथ बातचीत कर रहा है. चीन ने पहले ही अपील की थी कि दुनिया को तालिबान के साथ मिलकर काम करना चाहिए, इसी कड़ी में आर्थिक मदद को ज़ारी रखना जरूरी है. चीन ने सबसे पहले बढ़ाए मदद के हाथ चीन ने कहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने का वह स्वागत करता है, सरकार बनने से पिछले तीन हफ्ते से जो अराजकता का माहौल था वह खत्म हुआ है. उम्मीद है कि नई सरकार अफगानिस्तान को फिर से खड़ा करने का काम करेगी. जब दुनिया अभी तालिबान को लेकर वेट एंड वॉच की नीति अपना रही है, तब चीन ने मदद का हाथ बढ़ाया है. तालिबान ने भी पिछले हफ्ते ऐलान किया था कि चीन एक आर्थिक सुपरपॉवर है, ऐसे में वह उसे बड़ा साथी मानता है. तालिबान के मुताबिक, चीन अफगानिस्तान के लिए कोविड-19 से जुड़ी मदद और आर्थिक मदद को बढ़ा सकता है. आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी हाल ही में इस बात का जिक्र किया था कि चीन, रूस और पाकिस्तान किस तरह तालिबान के साथ व्यवहार करते हैं ये देखने वाली चीज़ होगी. जो बाइडेन के इस कथन के 24 घंटे बाद ही चीन ने अफगानिस्तान के लिए आर्थिक मदद का ऐलान कर दिया है.आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए डिफेंस सेक्टर में नए नए एक्सपेरिमेंट्स हो रहे हैं. बीते दिनों, यूएस ने एआई कंट्रोल्ड एयरक्राफ्ट के साथ ह्यूमन कंट्रोल्ड फाइटर जेट्स के बीच एयर कॅाम्बैट कराया था. ये एआई की दुनिया में एक बिल्कुल नया प्रयोग था. इस बीच खबर है कि चीन ने भी एक intelligent air combat AI डेवेलप किया है.
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