ईरान के राष्ट्रपति रईसी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, दी श्रद्धांजलि
AajTak
ईरान में आधिकारिक अंतिम संस्कार समारोह में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे जगदीप धनखड़ ने दुर्घटना में मारे गए रईसी, अमीर अब्दुल्लाहियन और अन्य ईरानी अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी. रईसी के सम्मान में मंगलवार को पूरे भारत में एक दिवसीय राजकीय शोक मनाया गया.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को तेहरान में ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर से मुलाकात की और हेलिकॉप्टर क्रैश में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन के निधन पर शोक व्यक्त किया.
ईरान में आधिकारिक अंतिम संस्कार समारोह में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे जगदीप धनखड़ ने दुर्घटना में मारे गए रईसी, अमीर अब्दुल्लाहियन और अन्य ईरानी अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी. रईसी के सम्मान में मंगलवार को पूरे भारत में एक दिवसीय राजकीय शोक मनाया गया.
उपराष्ट्रपति कार्यालय ने पोस्ट कीं तस्वीरें
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के कार्यालय ने इस कार्यक्रम की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की हैं. विदेश मंत्रालय ने एक पोस्ट में लिखा, 'उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज तेहरान में ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मोखबर से मुलाकात की. उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रपति सैय्यद इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियन के निधन पर संवेदना व्यक्त की.'
राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने व्यक्त किया शोक
आधिकारिक अंतिम संस्कार समारोह में शामिल होने के लिए दिन में ईरान पहुंचे जगदीप धनखड़ का तेहरान पहुंचने पर ईरानी अधिकारियों ने स्वागत किया. रईसी के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर भी भारत की ओर से संवेदना व्यक्त करने के लिए मंगलवार को नई दिल्ली स्थित ईरान के दूतावास पहुंचे.
कुवैत के मीडिया के मुताबिक आग रसोई में लगी थी, अधिकांश मौतें धुएं के कारण हुईं. ये हादसा बुधवार की सुबह 4.30 बजे अल-अहमदी गवर्नरेट के अधिकारियों हादसे की सूचना दी गई थी. इसका मतलब ये आग अलसुबह लगी थी, जिस वक्त लोग नींद के आगेश में थे. कुवैत के मीडिया के अनुसार निर्माण कंपनी NBTC ग्रुप ने 195 से ज्यादा श्रमिकों के रहने के लिए बिल्डिंग किराए पर ली थी, जिनमें से अधिकांश केरल, तमिलनाडु और उत्तरी राज्यों के भारतीय रह रहे थे.
कुवैत में हुए भीषण अग्निकांड में अब तक 40 से ज्यादा भारतीय मजदूरों की जान जा चुकी. इस बीच कई रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं कि इमारत में क्षमता से ज्यादा मजदूरों को जबर्दस्ती रखा गया था. खाड़ी देशों में मजदूरों के रहने-खाने के हालात खास अच्छे नहीं. कुवैत समेत लगभग सभी गल्फ देशों में कफाला सिस्टम है, जो एम्प्लॉयर को कर्मचारी पर जरूरत से ज्यादा हक देता है.
दक्षिणी कुवैत के मंगफ क्षेत्र में विदेशी मजदूरों वाली एक बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लगने से करीब 40 भारतीयों की मौत हो गई और 50 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि अल-मंगफ नाम की इस इमारत में भीषण आग लगने से कुल 49 लोगों की जान गई है जिनमें से 42 के बारे में माना जा रहा है कि वो भारतीय थे.
कुवैत के मंगाफ शहर की एक बिल्डिंग में लगी आग में करीब 49 लोगों की मौत हो गई है. मरने वाले लोगों में अधिकतर भारतीय नागरिक बताए जा रहे हैं. जिस इमारत में आग लगी वह एक कंपनी के पास है जिसमें उसी कंपनी के काफी श्रमिक रहते हैं. चश्मदीदों ने बताया कि हादसे का मंजर बेहद दर्दनाक था. लोग बचाने के लिए चीख-चिल्ला रहे थे.