
क्या यूक्रेन-रूस की लड़ाई परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रही है? मॉस्को ने शुरू की टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन ड्रिल
AajTak
रूस का सैन्याभ्यास उसके दक्षिणी सैन्य जिले में हो रहा है, जिसकी सीमा यूक्रेन के उन हिस्सों से लगती है, जिन पर मॉस्को ने 2022 में हमला शुरू होने के बाद से अवैध रूप से कब्जा कर लिया था.
रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू हुए दो साल से ज्यादा हो गए हैं. युद्ध की विभीषिका बहुत भीषण है लेकिन ना तो रूस पीछे हटने को तैयार है और ना ही यूक्रेन हथियार डालने को रजामंद हैं. इस बीच खबर है कि रूस की सेनाओं ने टैक्टिकल परमाणु हथियारों के साथ सैन्याभ्यास शुरू कर दिया है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन की सीमा के पास टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन के साथ सैन्याभ्यास का आदेश दिया था. सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस सैन्याभ्यास को पुतिन की वॉर्निंग के सिग्नल के तौर पर डिजाइन किया गया है. इसे इस तरह से देख सकते हैं कि पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि वे यूक्रेन के साथ उसके युद्ध में अब अधिक हस्तक्षेप नहीं करें. दरअसल पश्चिमी देश रूस के साथ यूक्रेन के युद्ध में उसे हथियार और अन्य सहायता उपलब्ध करा रहे हैं.
रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस सैन्याभ्यास के पहले चरण में इस्कंदर और किंजल मिसाइलों को टेस्ट किया जाएगा. इस सैन्याभ्यास ने एक बार फिर से परमाणु हमले को लेकर सभी की चिंताओं को सामने ला दिया है.
रूस का सैन्याभ्यास उसके दक्षिणी सैन्य जिले में हो रहा है, जिसकी सीमा यूक्रेन के उन हिस्सों से लगती है, जिन पर मॉस्को ने 2022 में हमला शुरू होने के बाद से अवैध रूप से कब्जा कर लिया था.
क्या है टैक्टिकल परमाणु हथियार?
- परमाणु हथियारों को दो कैटेगरी में बांटा गया है. एक है स्ट्रैटजिक और दूसरी है टेक्टिकल. स्ट्रैटजिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल लंबी दूरी के लिए किया जाता है. इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा तबाही मचाना होता है. वहीं, टेक्टिकल परमाणु हथियार कम दूरी के लिए और कम तबाही मचाने के लिए होता है.

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के गुरुवार को भारत दौरे को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच आजतक ने रूस में ही राष्ट्रपति पुतिन का एक्स्क्लूसिव इंटरव्यू लिया. इस दौरान उनसे अगस्त-सितंबर में चीन के तियानजिन में हुए 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान उस वायरल तस्वीर के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार में जाते हुए नजर आए थे. क्या था वो पूरा वाकया, जानने के लिए देखें वीडियो.

बांग्लादेश की आर्मी से रिटायर होने के बाद ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का मुख्य काम भारत विरोध बन गया है. इस जनरल का मानना है कि भारत बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देता है. पाकिस्तान की 'ब्लीड इंडिया विद थाउजैंड कट्स' जैसी दूषित नीति से प्रभावित ये जनरल कहता है कि बांग्लादेश में तब तक शांति नहीं आ सकती, जबतक भारत के टुकड़े-टुकड़े न हो जाए.

पुतिन ने यूरोप पर अपनी नजर रखी है क्योंकि उन्हें डर है कि यूरोप शांति वार्ता को बिगाड़ सकता है. यूरोप लगातार रूस के खिलाफ युद्ध में उतरने के संकेत दे रहा है, जिस पर पुतिन ने कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर यूरोप युद्ध में शामिल हुआ तो उसे रूस से ऐसी हार का सामना करना पड़ेगा जिससे यूरोप में शांति की बात करने वाला कोई बच नहीं पाएगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा ऐतिहासिक महत्व रखता है. यह दौरा भारत और रूस के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है जो दशकों पुराना है. यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों का रिश्ता अडिग रहा है. पुतिन का यह दौरा द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करेगा जिसमें रक्षा, कृषि, पेट्रोलियम और तकनीकी क्षेत्रों में समझौते शामिल होंगे.








