अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी किया तो क्या गिरफ्तार होंगे नेतन्याहू? जानें- कहां फंस सकता है पेच
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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट से अरेस्ट वारंट जारी करने की अपील की गई है. उनके अलावा इजरायल के रक्षा मंत्री और हमास के तीन नेताओं के खिलाफ भी अरेस्ट वारंट जारी करने की मांग की गई है. ऐसे में जानते हैं कि अगर अरेस्ट वारंट जारी हो जाता है तो क्या नेतन्याहू को गिरफ्तार कर लिया जाएगा?
गाजा में हमास से जारी जंग के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अरेस्ट वारंट का सामना करना पड़ सकता है. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) में इजरायल और हमास नेताओं के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने की मांग की गई है. ये मांग आईसीसी के चीफ प्रॉसिक्यूटर करीम खान ने की है.
चीफ प्रॉसिक्यूटर करीम खान ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू, इजरायली रक्षा योआव गैलांट, हमास का प्रमुख याह्या सिनवार, हमास की मिलिट्री विंग अल-कासम ब्रिगेड का प्रमुख मोहम्मद डायब इब्राहिम अल-मसरी और हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो का प्रमुख इस्माइल हानियेह के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने की मांग की है.
करीम खान ने एक बयान जारी कर बताया कि उनके पास इस बात को मानने का आधार है कि ये पांचों गाजा में मानवता के खिलाफ अपराध और वॉर क्राइम के लिए जिम्मेदार हैं. हमास नेता समी अबू जुहरी ने कहा कि आईसीसी के चीफ प्रॉसिक्यूटर पीड़ित और कातिल को एक बराबर रख रहे हैं.
इस पर बेंजामिन नेतन्याहू ने करीम खान की निंदा करते हुए उनकी मांग को लोकतांत्रिक इजरायल और हमास के कातिलों की तुलना करना बताया है. उन्होंने कहा कि ये कदम वास्तविकता के उलट है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इसे 'अपमानजनक' बताया है. जबकि, अमेरिकी रक्षा मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि इससे होस्टेज डील और सीजफायर की बातचीत खतरे में पड़ सकती है.
अरेस्ट वारंट क्यों?
कुवैत के मीडिया के मुताबिक आग रसोई में लगी थी, अधिकांश मौतें धुएं के कारण हुईं. ये हादसा बुधवार की सुबह 4.30 बजे अल-अहमदी गवर्नरेट के अधिकारियों हादसे की सूचना दी गई थी. इसका मतलब ये आग अलसुबह लगी थी, जिस वक्त लोग नींद के आगेश में थे. कुवैत के मीडिया के अनुसार निर्माण कंपनी NBTC ग्रुप ने 195 से ज्यादा श्रमिकों के रहने के लिए बिल्डिंग किराए पर ली थी, जिनमें से अधिकांश केरल, तमिलनाडु और उत्तरी राज्यों के भारतीय रह रहे थे.
कुवैत में हुए भीषण अग्निकांड में अब तक 40 से ज्यादा भारतीय मजदूरों की जान जा चुकी. इस बीच कई रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं कि इमारत में क्षमता से ज्यादा मजदूरों को जबर्दस्ती रखा गया था. खाड़ी देशों में मजदूरों के रहने-खाने के हालात खास अच्छे नहीं. कुवैत समेत लगभग सभी गल्फ देशों में कफाला सिस्टम है, जो एम्प्लॉयर को कर्मचारी पर जरूरत से ज्यादा हक देता है.
दक्षिणी कुवैत के मंगफ क्षेत्र में विदेशी मजदूरों वाली एक बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लगने से करीब 40 भारतीयों की मौत हो गई और 50 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि अल-मंगफ नाम की इस इमारत में भीषण आग लगने से कुल 49 लोगों की जान गई है जिनमें से 42 के बारे में माना जा रहा है कि वो भारतीय थे.
कुवैत के मंगाफ शहर की एक बिल्डिंग में लगी आग में करीब 49 लोगों की मौत हो गई है. मरने वाले लोगों में अधिकतर भारतीय नागरिक बताए जा रहे हैं. जिस इमारत में आग लगी वह एक कंपनी के पास है जिसमें उसी कंपनी के काफी श्रमिक रहते हैं. चश्मदीदों ने बताया कि हादसे का मंजर बेहद दर्दनाक था. लोग बचाने के लिए चीख-चिल्ला रहे थे.