
ब्रिटेन में 4 जुलाई को होंगे आम चुनाव, 14 साल से सत्ता पर काबिज कंजर्वेटिव को सुनक फिर दिला पाएंगे सत्ता?
AajTak
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने 4 जुलाई को आम चुनाव का ऐलान कर दिया है. लेबर पार्टी ने इसका स्वागत किया है. उनकी कंजर्वेटिव पार्टी इस चुनाव में पिछड़ती नजर आ रही है. माना जा रहा है कि चुनाव में लेबर पार्टी को बढ़त मिल सकती है और 14 साल से सत्ता पर काबिज कंजर्वेटिव पार्टी को सत्ता गंवानी पड़ सकती है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार को आम चुनाव का ऐलान कर दिया है. उन्होंने मतदान के लिए 4 जुलाई की तारीख तय की है. कई महीनों की अटकलों को खत्म करते हुए अपनी ऑफिस के बाहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि वह कुछ लोगों की उम्मीदों से पहले चुनाव का ऐलान कर रहे हैं.
माना जा रहा है कि उन्हें इस चुनाव में नुकसान ही सामना करना पड़ सकता है और 14 साल से सत्ता पर काबिज उनकी अगुवाई वाली कंजर्वेटिव पार्टी को सत्ता गंवानी पड़ सकती है. ऋषि सुनक ने कहा, "अब ब्रिटेन के लिए अपना भविष्य चुनने और यह तय करने का समय आ गया है कि क्या वह हमारे द्वारा की गई प्रगति को आगे बढ़ाना चाहता है या फिर उसी स्तर पर वापस जाने का जोखिम उठाना चाहता है, जिसकी कोई निश्चितता नहीं है."
चुनाव का सामना करने जा रहे सुनक न सिर्फ लेबर पार्टी से पीछे हैं, बल्कि राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि वह अपनी कंजर्वेटिव पार्टी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सुनक ने आठ साल में पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद अक्टूबर 2022 में शपथ ली थी, जो सिर्फ 44 दिनों तक ही सत्ता में रही थीं.
कहा जाता है कि ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद ब्रिटेन में कुछ बड़े आर्थिक सुधार किए गए हैं. यही वजह है कि उन्होंने आश्चर्यजनक रूप से चुनाव का ऐलान कर दिया. मसलन, सुनक की अगुवाई में महंगाई में कमी आई है और लगभग तीन सालों में सबसे तेज आर्थिक विकास दर्ज किया गया है.
क्या बोले ऋषि सुनक?
ऋषि प्रधानमंत्री बनने से पहले देश के वित्त मंत्री थे, जिन्होंने कोरोनाकाल में ब्रिटेन को आर्थिक मोर्चे पर संभाला था. उन्होंने अपने इस काम के सहारे प्रधानमंत्री तक का सफर तय किया.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







