
ट्रैवल बुकिंग कैंसिल, व्यापार को भी NO... PAK के दोस्त तुर्की-अजरबैजान को अब होगा तगड़ा नुकसान
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इस 'युद्ध' में पाकिस्तान ही नहीं, उसके दोस्तों ने भी अपनी असलियत दिखा दी. इसीलिए सरकार ने भारत में तुर्किए के सरकारी न्यूज चैनल TRT WORLD का एक्स अकाउंट बंद करवा दिया है, ताकि वो भ्रम ना फैला पाए. इस कदम को भारत की नाराजगी के तौर पर देखा गया है. वहीं, भारतीय सैलानियों और ट्रैवल एजेंसियों ने तुर्किए और अजरबैजान पर 'टूरिज़्म स्ट्राइक' कर दी है.
भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान को न सिर्फ सशस्त्र ड्रोन उपलब्ध कराए, बल्कि उनके संचालन के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर भी भेजे थे. इससे तुर्की का पाकिस्तान प्रेम खुलकर सामने आ गया है. सीजफायर के बाद पाकिस्तान के इस दोस्त के खिलाफ भारत में विरोध शुरू हो गया है और बॉयकॉट तुर्की मुहिम जोर पकड़ने लगी है. भारत-पाकिस्तान के इस 4 दिन के 'युद्ध' से हमने 2 महत्वपूर्ण सबक सीखे हैं.
पहला सबक- 'जो सबका दोस्त बनना चाहता है कोई उसका सच्चा दोस्त नहीं बनता'. मशहूर दार्शनिक अरस्तु ने ये बात कही थी. भारत के संबंध में ये बात अमेरिका जैसे दोस्तों पर सटीक बैठती है. भारत के मुश्किल समय में अमेरिका ने हमेशा बीच का रास्ता अपनाया, और कभी भारत का पक्ष नहीं लिया, जबकि भारत अमेरिका को दोस्त की तरह देखता है. इसीलिए अब भारत को दोस्त और व्यापारिक साझीदार में फर्क करना सीखना होगा.
दूसरा सबक- अब हमें पता है कि पाकिस्तान के दोस्त कौन हैं. इस युद्ध में तुर्की, चीन और अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया. तुर्की ने अपने ड्रोन्स से पाकिस्तान की मदद की और पाकिस्तान ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर भारत के खिलाफ साजिश की. तुर्की- अजरबैजान और चीन ने खुलकर पाकिस्तान का पक्ष लिया. इन तीनों देशों ने पाकिस्तानी आतंकवाद पर अपने दोहरे चरित्र का प्रदर्शन किया. सबसे ज्यादा शर्मनाक हरकत तो तुर्की ने की.
तुर्की ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक बार भी ये नहीं कहा कि इस हमले में शामिल आतंकी पाकिस्तान से आए थे, लेकिन जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकाने तबाह किए, तब वो पाकिस्तान के पक्ष में बोलने लगा. तुर्की के विदेश मंत्रालय ने भारतीय सेना के एक्शन के बाद एक पत्र जारी किया, जिसमें उसने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत किया गया हमला 'उकसाने' वाली हरकत है. उसका कहना था कि भारत के इस कदम से एक बड़ी जंग शुरू हो सकती है.
भारत ने संकट में की थी तुर्की की मदद इससे आप समझ सकते हैं कि तुर्की, आतंकी देश पाकिस्तान को लेकर कितनी गंभीरता से अपनी दोस्ती निभा रहा है. तुर्की ने पाकिस्तान को केवल वैचारिक समर्थन ही नहीं दिया, बल्कि भारत से लड़ने के लिए हथियार भी दिए. ये वही तुर्की है जिसके बुरे वक्त में भारत ने उसकी दिलखोलकर मदद की थी. साल 2023 में जब तुर्की में रिक्टर स्केल 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, तब भारत उन देशों में शामिल था, जिसने सबसे पहले उसे मानवीय मदद भेजी थी. उस वक्त भारत ने राहत सामग्री और मेडिकल सपोर्ट भेजा था. इस मदद को मिशन के तौर पर देखते हुए भारत ने इसे नाम दिया था ऑपरेशन दोस्त.
तुर्की ने PAK को दिए ड्रोन्स और उन्हें चलाना भी सिखाया भारत, तुर्की के बुरे समय में उसके साथ खड़ा था, और उसे दोस्त की तरह देख रहा था, लेकिन आज वही तुर्की, भारत के खिलाफ खड़ा है. आज वो धर्म के नाम पर इस्लामिक आतंकवाद के केंद्र पाकिस्तान के साथ है. और उसने अपने हथियारों से भारत पर हमले करवाए. भारत पर 8 और 9 मई की रात को 350 से ज्यादा ड्रोन्स ने हमला किया था और पाकिस्तान को ये ड्रोन्स तुर्की की तरफ से ही मिले थे. भारत पर हुए ये ड्रोन हमले तुर्की की सेना की निगरानी में किए गए थे. यानी जिस वक्त तुर्की के आत्मघाती ड्रोन से हमले हो रहे थे, उस वक्त तुर्की के सैन्य अधिकारी, पाकिस्तान के सैन्य कमांड सेंटर में मौजूद थे. तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन्स उड़ाने और भारत के रिहायशी इलाकों पर हमले करने की ट्रेनिंग दी थी. पाकिस्तानी सेना को आत्मघाती ड्रोन्स ऑपरेट करने नहीं आते थे, तुर्की ने इसमें भी उनकी मदद की, तुर्की के 2 Drone ऑपरेटर्स भी पाकिस्तानी भेजे गए थे. इन लोगों ने पाकिस्तानी सेना को ड्रोन हमले की ट्रेनिंग दी थी. हालांकि तुर्की की ये चाल कामयाब नहीं हुई. भारत ने उन ड्रोन्स और ड्रोन ऑपरेटर्स सभी को मार गिराया.

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