जिसने साइकिलों में हवा भरी, चेन कसी, पेंच लगाए और एक दिन मेंहदी हसन बन गया
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Mehdi Hassan Birth Anniversary: 18 जुलाई 1927 को शेखावटी में जन्मे मेंहदी हसन (Mehdi Hassan) के कई किस्से आप जानते होंगे और कई सारे सुने भी होंगे. पढ़िए कुछ रोचक बातें
नई दिल्लीः Mehdi Hassan Birth Anniversary: साल था 1978. रंगीले राजस्थान का गुलाबी जयपुर और उसका सरकारी अमला एक बड़े खास मेहमान की आवभगत में जुटा था. बड़े-बड़े ओहदे वाले तमाम ख्वाहिशों और जरूरतों पर नजर रखे उसके आगे-पीछे घूम रहे थे. मगर मेहमान था कि उसे चैन एक पल नहीं. उनसे पूछा गया- जनाब, फरमाइये, आप क्या चाहते हैं? जनाब ने कहा- ज्यादा कुछ नहीं, झुंझनूं ले चलो बस. बस इतनी सी बात थी और ज्यों ही मुंह से निकली, गाड़ियां आईं, काफिला सज गया और सब चल पड़े झुंझनूं के लूणा गांव. मेहमान को सब देखते रह गएSwati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दे ताकि उसे एक 'विशेष वकील' को दिया जा सके. इस पर उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहती कि वह राज्यसभा सदस्यता छोड़ दें तो वह खुशी-खुशी इसे छोड़ देतीं.
Pune Porsche Crash: पुणे के पोर्श कार हादसे मामले में ट्विस्ट आया है. अब 17 साल के नाबालिग आरोपी ने दावा किया है कि घटना के समय वह कार नहीं चला रहा था बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था. हादसे के समय आरोपी के साथ मौजूद उसके साथियों ने भी इस दावे का समर्थन किया है. वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने दावा किया कि आरोपी को पुलिस स्टेशन में पिज्जा की पेशकश की गई.
West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान से पहले नंदीग्राम में बुधवार की रात हिंसा भड़क उठी. इससे राज्य की सियासत गरमा गई है. यह घटना पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम विधानसभा के ब्लॉक नंबर एक के सोनचूरा गांव के मनसा बाजार की है. बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में घुसकर धारदार हथियारों से हमला किया.
Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना में बदलाव हो सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेना एक आंतरिक सर्वे करा रही है. इस सर्वे में सामने आने वाले निष्कर्षों को देखते हुए आगे योजना में बदलाव को लेकर सरकार से सिफारिश की जा सकती है. हालांकि अभी इस संबंध में सेना या सरकार की ओर से कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.