
घूस लेकर डीजल गाड़ियों की दिल्ली में एंट्री, जानलेवा प्रदूषण पर 'आजतक' का चौंकाने वाला खुलासा
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दिल्ली में पिछले कुछ हफ्ते से प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर है. राज्य सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग लगातार प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए काम कर रहे हैं लेकिन तमाम कोशिशें नाकाम हो रही हैं. आजतक ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि भ्रष्टाचार इस प्रदूषण को कम नहीं होने दे रहा. लोकल पुलिस, आरटीओ, दिल्ली परिवहन विभाग और सेल्स टैक्स के लोग दिल्ली की हवा में जहर घोल रहे हैं.
दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण लोगों को बीमार बना रहा है. प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए हैं. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रैप यानी ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान का नियम भी लागू किया था, जिसके तहत दिल्ली में सभी ट्रकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई. डीजल से चलने वाले सभी वाहनों पर दिल्ली में प्रवेश पर बैन लगा दिया गया था लेकिन प्रदूषण के स्तर में कोई खास कमी देखने को नहीं मिली.
आजतक की स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम ने दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने के असली गुनहगारों को पता लगाने की कोशिश की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई. आजतक की टीम 6 नवंबर को दोषियों को ढूंढने निकली तो दिल्ली की सड़कों पर अवैध डीजल बसें चलती दिखीं. इंवेस्टिगेशन में पता चला कि ये बसें कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां से यात्रियों को लाती- ले जाती हैं. इसके अलावा ये बसें लाल किला क्षेत्र, अक्षरधाम, मयूर विहार और नोएडा बॉर्डर से भी यात्रियों को लेती-छोड़ती हैं.
दिल्ली में 7 नवंबर से ग्रैप-4 नियम को हटा दिया गया है. इससे पहले तमाम सख्तियों के बाद भी डीजल की ये डग्गामार बसें बेधड़क दिल्ली में आ-जा रही थीं.
(बस मालिक शादाब पिछले 20 साल से दिल्ली से गया खस्ताहाल बसें चला रहा है. परमिट तो दूर की बात, उसकी बसें प्रदूषण वाले सख्त नियम ग्रैप-4 का भी पालन नहीं कर रही हैं. अब सुनिए शादाब ने रिपोर्टर से क्या बताया)
रिपोर्टर- यहां से दिल्ली से कितनी गाड़ियां जाती हैं?

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