गोवा: काम नहीं आई कसम... चार महीने बाद ही कांग्रेस में बगावत, 5 विधायक गायब
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गोवा कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है. पांच विधायक गायब चल रहे हैं, ये वो हैं जिनके साथ गोवा कांग्रेस का कोई संपर्क नहीं है. खबर है कि ये सभी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
जब गोवा विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हुई थीं, कांग्रेस की तरफ से अपने तमाम विधायकों को एक शपथ दिलवाई गई. उसने कहा गया कि अगर आप निर्वाचित हो जाते हैं तो आप अपना पाला नहीं बदलेंगे. उस कसम के बाद चुनावी नतीजे आए और बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना ली. कांग्रेस के सिर्फ 11 विधायक ही जीत पाए. उस बात को भी चार महीने के करीब हो गए हैं और जमीन पर स्थिति फिर करवट ले रही है.
गोवा कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है. पांच विधायक गायब चल रहे हैं, ये वो हैं जिनके साथ गोवा कांग्रेस का कोई संपर्क नहीं है. खबर है कि ये सभी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने वाले माइकल लोबो तक को कांग्रेस ने उनके पद से तुरंत हटा दिया है. उन पर आरोप लगाया गया है कि वे गोवा में कांग्रेस को कमजोर करने का काम कर रहे हैं. उनके साथ ही गोवा के पूर्व सीएम और दिग्गज नेता दिगंबर कामत की गतिविधियों पर भी कांग्रेस ने सवाल दागे हैं. दोनों को लेकर पार्टी ने जारी बयान में कहा है कि हमारे कुछ नेताओं ने बीजेपी के साथ मिलकर यह साजिश रची कि गोवा में कांग्रेस पार्टी कमजोर हो जाए और दलबदल हो जाए. उन्होंने बताया कि इस साजिश का नेतृत्व हमारे ही दो नेताओं एलओपी माइकल लोबो और दिगंबर कामत ने की थी.
आरोप यहां तक लग गया कि कांग्रेस के 3 विधायकों को बीजेपी में शामिल होने के लिए 40 करोड़ का ऑफर दिया गया है. यह ऑफर उद्योगपती और कोयला माफिया ने दिया है. इन आरोपों के बीच माइकल लोबो ने देर रात गोवा सीएम प्रमोद सावंत से भी मुलाकात कर ली. जो सिर्फ पहले अटकलें लग रही थीं, अब इस मुलाकात के बाद गोवा कांग्रेस में हलचल और तेज हो गई है. लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों और कैसे चार महीने के अंदर गोवा में कांग्रेस के अंदर बगावत के सुर इतने तेज हो गए? अब पिछले दिनों की राजनीतिक घटनाएं इस पटकथा की पीछे की कहानी बता सकती है.
सबसे पहले शनिवार को कांग्रेस ने अपने विधायकों की एक बैठक बुलाई थी. बजट सत्र से पहले कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उस बैठक का आयोजन हुआ था. लेकिन उस बैठक में सिर्फ सात विधायकों ने शिरकत की. पार्टी के कुल 11 विधायक हैं, लेकिन मीटिंग में सिर्फ सात पहुंचे. वहीं दिगांबर कामत जिन्हें गोवा का मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी थी, वे उस बैठक से गायब रहे. ऐसे में इसी मीटिंग के बाद गोवा कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बज गई थी.
इस बैठक के ठीक बाद जमीनी हकीकत जानने के लिए आजतक ने सीधे माइकल लोबो से संपर्क साधा. उन्होंने बीजेपी में शामिल होनेवाली तमाम खबरों को अफवाह बताकर खारिज कर दिया. यहां तक कहा गया कि बीजेपी जानबूझकर ऐसी अफवाहों को बल दे रही है. तब उन्होंने कांग्रेस में रहने वाली बात कही थी. लेकिन अब उनकी मुलाकात प्रमोद सावंत से हो गई है, ऐसे में आगे और क्या होने वाला है, इसको लेकर तमाम अटकलें जारी हैं.
खैर जब माइकल लोबो ने बीजेपी में जाने की बात को नकार दिया, उन्हीं की पार्टी के नेताी Girish Chodankar ने दावा कर दिया कि पार्टी के तीन विधायकों को बीजेपी में शामिल होने के लिए 40 करोड़ ऑफर हुए. ये भी कहा गया कि ये ऑफर उद्योगपती और कोयला माफिया ने दिया है.
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