
गुरिल्ला वारफेयर... तालिबान लड़ाकों की वो ताकत जो पाक आर्मी पर पड़ रही भारी, कौन कहां मजबूत?
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अक्टूबर 2025 में अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर तालिबान के गुरिल्ला हमले बढ़े हैं. छोटे छापामार हमलों से पाक सेना को भारी नुकसान हुआ है. तालिबान मजबूत है. पहाड़ी इलाका, स्थानीय समर्थन, आईईडी का फायदा तालिबान को मिल रहा है. पाक सेना के 500+ सैनिक मारे गए. सीजफायर हुई लेकिन तनाव बरकरार.
अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर तनाव बढ़ रहा है. तालिबान लड़ाके पाकिस्तानी सेना पर हमले कर रहे हैं. ये हमले पारंपरिक जंग की तरह नहीं हैं – ये "गुरिल्ला युद्ध" (छापामार युद्ध) के तरीके से हो रहे हैं. गुरिल्ला युद्ध में छोटे-छोटे समूह अचानक हमला करते हैं, फिर भाग जाते हैं. तालिबान इसी ताकत से पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचा रहा है. लेकिन सवाल यह है: तालिबान कहां मजबूत है? पाकिस्तानी सेना कहां?
गुरिल्ला युद्ध को "छापामार युद्ध" कहते हैं. यह बड़ी फौज बनाम छोटे विद्रोहियों की जंग है. इसमें...
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यह युद्ध वियतनाम (1960-70) या अफगानिस्तान (1980-90) में सोवियत सेना के खिलाफ इस्तेमाल हुआ. तालिबान ने अमेरिकी सेना (2001-2021) को भी इसी से हराया. अब पाकिस्तानी सेना का नंबर है. क्योंकि तालिबान के पास आधुनिक हथियार कम हैं, लेकिन पहाड़ी इलाकों की जानकारी और जिद बहुत है.
अक्टूबर 2025 में अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर भारी झड़पें हुईं. 9 अक्टूबर से शुरू हुई जंग में...

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