
गन कल्चर पर कंट्रोल: जनता से हथियार बायबैक करेगी कनाडा सरकार
AajTak
कनाडा सरकार गन कल्चर पर कंट्रोल के लिए नया प्लान तैयार कर रही है. अमेरिकी स्कूल में हाल ही में हुई गोलीबारी की घटना को देखते हुए सरकार ये कदम उठा रही है.
अमेरिकी स्कूल में हाल ही में हुई गोलीबारी की घटनाओं के बाद कनाडा सरकार गन कल्चर पर कंट्रोल के लिए नया प्लान तैयार कर रही है. कनाडा सरकार ने हैंडगन (बंदूक) की बिक्री, खरीद व उसके आयात पर रोक लगाने के लिए विधेयक पेश किया है. इसके अलावा 'मिलिट्री स्टाइल असॉल्ट वेपन्स' को बायबैक किया जाएगा. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि हम देश में हैंडगन की संख्या को सीमित कर रहे हैं. नए नियम के तहत मैगजीन की क्षमता सीमित करने के साथ ही बंदूक जैसे दिखने वाले खिलौनों पर भी रोक लग सकेगी. कनाडा के रक्षा मंत्री मार्को मेंडिसिनो ने कहा है कि बायबैक साल के अंत तक शुरू हो जाएगा.
पीएम ने कहा- समय रहते उठाना होगा कदम ट्रूडो का कहना है कि एक सरकार के रूप में, एक समाज के रूप में, ज्यादा से ज्यादा त्रासदियों को रोकने के लिए काम करना हमारी ज़िम्मेदारी है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम समय रहते इसे नहीं रोकते हैं तो आने वाले समय में स्थिति और भी खराब हो जाएगी.
अमेरिका में हुई थी गोलीबारी बायबैक का प्रपोजल ऐसे समय आया है जब कुछ दिनों पहले अमेरिका में सामूहिक गोलीबारी में एक स्टूडेंट ने 19 बच्चों और दो शिक्षकों को गोलियों से भून दिया था. उसने घटना को अंजाम देने के लिए मिलिट्री स्टाइल की राइफल का इस्तेमाल किया. इस घटना के बाद गन कल्चर को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है.
उल्लेखनीय है कि 2012 में न्यूटाउन के कॉन में सैंडी हुक एलीमेंट्री स्कूल में 20 बच्चों और छह लोगों की हत्या के बाद पॉवरफुल आर्म्स पर नियंत्रण को लेकर बहस शुरू हो गई थी. लेकिन बंदूक लॉबी के साथ गठबंधन करने वाले कई रिपब्लिकन ने किसी भी प्रस्तावित कानून पर वोट देने से इनकार कर दिया था. अमेरिकी सांसद 2004 में समाप्त हुए मिलिट्री स्टाइल के सेमी ऑटोमेटिक हथियारों पर प्रतिबंध को बहाल करने में विफल रहा.
न्यूजीलैंड ने भी लगाए थे प्रतिबंध न्यूजीलैंड ने भी वर्ष 2019 सेमी ऑटोमेटिक हथियार पर प्रतिबंध और बायबैक प्रोग्राम शुरू किया था. दरअसल, एक बंदूकधारी ने दो मस्जिदों पर हमला करके 51 लोगों को मार दिया था, उस गोलीबारी में दर्जनों लोग घायल हो गए थे.
ऑस्ट्रेलिया में भी हुई थी गोलीबारी 1996 में एक बंदूकधारी ने ऑस्ट्रेलिया के पोर्ट आर्थर शहर में 35 लोगों की हत्या कर दी थी. वहां की सरकार ने 650,000 से अधिक सेमी ऑटोमेटिक राइफलें और कई शॉटगन वापस ले लिए.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







