क्या मुमताज को सच में ताजमहल में दफनाया गया था? कैसे 6 महीने तक रखा था शव? जानें क्या कहते हैं जानकार
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Taj Mahal: मुमताज को ताजमहल में दफनाए जाने की चर्चा इन दिनों तेज हो गई है. आज तक इस सवाल का जवाब नहीं मिला कि कैसे मुमताज के शव को 6 महीने बुरहानपुर और 12 साल ताजमहल में रखा गया. जानिए इस मुद्दे पर एक्सपर्ट क्या कहते हैं.
आगरा. दुनिया में हाल ही में इजिप्ट में मिली एक ममी के बारे में खूब चर्चा हो रही है. यह ममी मिस्र की रानी हत्शेपसट की मानी जा रही है. इसके बाद अब मुमताज को ताजमहल में दफनाने वाली चर्चा ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. कई मुगल इतिहासकारों का कहना है कि मुमताज की बॉडी को ममीफाइड नहीं किया गया था. मुगल बादशाह शाहजहां ने 17वीं सदी में अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण कराया था. मुमताज का निधन महाराष्ट्र के बुरहानपुर कस्बे में 14वें बच्चे को जन्म देते समय हो गया था. मुमताज को पहले बुरहानपुर में ही दफनाया गया था. हालांकि इसके बाद मुमताज के ताबूत (Coffin) को बुरहानपुर से निकालकर आगरा ले जाया गया.
यहां 12 साल तक मुमताज का ताबूत ताजमहल की जगह रखा गया. इसके 12 साल बाद मुमताज के ताबूत को ताजमहल के फाउंडेशन में दफनाया गया. अब तक इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलने के कारण सवाल खड़े हो रहे हैं कि 12 साल तक शव को कैसे सुरक्षित रखा गया था. इनमें से एक बात तो यह कही जा रही है कि शव बुरहानपुर में दफनाया गया था. वहां की कब्र में ही बॉडी डीकंपोज्ड हो गई थी. इसके बाद उस कब्र से केवल प्रतीकात्मक अवशेष आगरा लाए गए थे, जिन्हें दफनाया गया था. वहीं दूसरी बात ये कही जा रही है कि शव पूरी तरह से मिट्टी हो गया था. इनमें से केवल कुछ हड्डियां और कुछ शरीर का ढांचा बचा था, जिसे लाकर आगरा में दफनाया गया.