क्या भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सही रास्ते पर है?
BBC
एक प्रमुख वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले, क्या भारत सरकार अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए ट्रैक पर है? हमारी रियलिटी चेक टीम ने समझना जाहा कि भारत ने अब तक क्या किया है.
भारत सरकार ने ब्रिटेन में होने वाले पर्यावरण समित के लिए ग्रीनहाउनस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने की अभी तक अपनी नई योजना को सामने नहीं रखा है. भारत दुनिया में तीसरा सबसे ज़्यादा कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन करने वाला देश है. इस लिस्ट में पहले नंबर पर चीन और दूसरे पर अमेरिका है.
तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या और कोयले और तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्था के कारण भारत में उत्सर्जन तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की ज़रुरत है.
भारत ने समग्र रूप से उत्सर्जन की कमी के लिए लक्ष्य रखने से कतराता रहा है. भारत का कहना है कि औद्योगिक देशों को इसका अधिक भार उठाना चाहिए क्योंकि उनका उत्सर्जन में अधिक हिस्सा रहा है.
भारत ने उत्सर्जन की तीव्रता को 2030 तक 2005 की तुलना में 33-35 प्रतिशत तक घटाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन इसके कम होने का मतलब ज़रूरी नहीं है कि उत्सर्जन में कमी आए.