
क्या चीन ने शुरू कर दी जंग की तैयारी? जिनपिंग ने सेना को दिए 'एक्शन मोड' में रहने के आदेश
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राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रिकॉर्ड तीसरी बार केंद्रीय सैन्य आयोग ( सीएसी ) की कमान संभालने के साथ ही चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( पीएलए ) को अपनी क्षमता बढ़ाने और युद्ध लड़ने और जीतने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है. जिनपिंग ने कहा कि, "चीन की सुरक्षा अस्थिर और अनिश्चित होती जा रही है. इसलिए देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि हम अपनी सैन्य प्रशिक्षण को और मजबूत करे."
शी जिनपिंग को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग ( सीएसी ) के प्रमुख के रूप में एक बार फिर पांच साल के लिए नियुक्त किया गया है. सीएमसी प्रमुख के रूप में तीसरे कार्यकाल का पदभार ग्रहण करते ही जिनपिंग दुनिया में सबसे बड़ी चीन की 20 लाख सेना को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया पिछले एक सदी से बहुत ही अधिक परिवर्तनों से गुजर रही है. जिसके कारण चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ती अस्थिरता और अनिश्चितता का सामना कर रही है. जिनपिंग राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास के लिए पार्टी और नागरिकों को ठीक से काम करने का निर्देश दिया है. वहीं, सेना को युद्ध की तैयारी के लिए अपनी सारी ऊर्जा लगा देना का आदेश दिया है. जिनपिंग ने सेना को एक्शन मोड में रहने के आदेश दिए हैं.
तीर की कमान की तरह तैयार रहें चीनी सेना
शी जिनपिंग के सेना संबोधन पर टिप्पणी करते हुए चीन के रिटायर्ड वायु सेना जनरल और सीएमसी के पूर्व उप चेयरमैन Xu Qiliang ने कहा कि चीनी आर्मी को शांतिकाल से युद्धकाल में तेजी से परिवर्तन होने के लिए तैयार रहना चाहिए. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, Xu Qiliang ने कहा कि चीनी आर्मी को हमेशा तना हुआ तीर के समान तैयार रहना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके सैनिक हर समय लड़ने के लिए तैयार हैं.
ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि चीन ने यह फैसला ताइवान में बढ़ते राजनायिक दखल, भारत के साथ सीमा विवाद और अमेरिका के साथ विभिन्न मुद्दे को लेकर चल रहे गतिरोध को लेकर किया है.
अगस्त में अमेरिकी संसद की निचली सदन की नेता नैंसी पोलिसी के ताइवान यात्रा के बाद से ही चीन खफा चल रहा है. चीन के कड़ी प्रतिक्रिया के बाद भी अमेरिकी नेता नैंसी पोलिसी ने ताइवान का दौरा किया था. जिससे खफा होकर चीन ने अमेरिका से कहा था कि आग से खेलना ठीक नहीं. पोलिसी की इस यात्रा के बाद चीन ने ताइवान जलडमरूमध्य में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया था. आइए जानते हैं कि चीन किन-किन कारणों से सैन्य अभ्यास पर जोर दे रहा है.
ताइवान को अमेरिका के समर्थन से चिंतित चीन

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