कोविड-19 के इलाज का 'गुप्त हथियार' खोजा गया, सूंघने लायक नैनोबॉडीज से होगा इलाज
AajTak
कोरोना से संघर्ष करने के लिए वैक्सीन आई. नेजल स्प्रे भी आ गई है. अब वैज्ञानिक एक नए उपचार के तरीके की बात कर रहे हैं. ये उपचार पद्धत्ति एकदम अत्याधुनिक है. इसमें कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शरीर में एंटी-कोविड नैनोबॉडीज (Anti-Covid Nanobodies) डाली जाएंगी. मजेदार बात ये है कि इसके लिए आपको इसे जोर से सूंघना होगा. यानी ये सांस के जरिए जाएगी.
कोरोना से संघर्ष करने के लिए वैक्सीन आई. नेजल स्प्रे भी आ गई है. अब वैज्ञानिक एक नए उपचार के तरीके की बात कर रहे हैं. ये उपचार पद्धत्ति एकदम अत्याधुनिक है. इसमें कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शरीर में एंटी-कोविड नैनोबॉडीज (Anti-Covid Nanobodies) डाली जाएंगी. मजेदार बात ये है कि इसके लिए आपको इसे जोर से सूंघना होगा. यानी ये सांस के जरिए जाएगी, जैसा कि लोग जुकाम में किसी इन्हेलर के साथ करते हैं. वैज्ञानिक इनहेल करने वाली नैनोबॉडीज को कोरोना के खिलाफ गुप्त हथियार का नाम दे रहे हैं. कहते हैं कि ये गुप्त हथियार कोरोना के स्पाइक प्रोटीन को नष्ट करके वायरस के फैलने की प्रक्रिया को निष्क्रिय कर देगा. (फोटोःगेटी) इस नई उपचार पद्धत्ति की खोज यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन (University of Pittsburgh School of Medicine) के शोधकर्ताओं ने की है. इन वैज्ञानिकों ने इनहेल करने वाले नैनोबॉडीज को बना लिया है. उसका हैमस्टर (Hamster) नामक जीव पर सफल परीक्षण भी कर लिया है. हैमस्टर चूहे की प्रजाति का जीव है, जिसके जबड़े में जालीदार थैलियां होती हैं. इसमें वह अनाज भर कर सर्दियों के लिए अपने बिल में जमा करता है. खैर बात चल रही थी नैनोबॉडीज की. (फोटोःEric Topol) इस स्टडी में बताया गया है कि ये नैनोबॉडीज किसी मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज की तरह काम करती है. इनका उपयोग कैंसर के इलाज में किया जाता है. लेकिन ये बेहद सूक्ष्म आकार की होती है और उनका प्रोडक्शन कॉस्ट भी कम होता है. यानी इनका वैश्विक स्तर पर उपयोग किया जा सकता है. साथ ही इससे भविष्य में आने वाली बीमारियों से लड़ाई करने में भी मदद मिलने के आसार हैं. इसकी रिपोर्ट साइंस एडवांसेज जर्नल में 26 मई 2021 को प्रकाशित हुई है. (फोटोःEric Topol) An inhalable treatment that prevented and eliminated SARS-CoV-2 infections in hamsters, and how the salmon aquaculture industry may have spread a virus to wild salmon populations. These stories and more, in the new Science Advances: https://t.co/fui19uTKMK pic.twitter.com/XjcFmnv4nnMore Related News
कोटा जिला कलेक्टर ने तपती गर्मी से बच्चों को राहत देने के लिए कोचिंग संस्थानों को निर्देशित किया है कि दोपहर 12:00 बजे से पहले और 3:00 के बाद ही कोचिंग के बच्चों के क्लास का समय रखें. दोपहर 12 से 3 के बीच टेंपरेचर 47 से 48 रह रहा है और इस बीच अगर कोचिंग क्लास के लिए बच्चे निकलते हैं तो लू-ताप से बीमार होने की संभावना रहती है.