
कोविड वैक्सीनेशन पर आज हो सकता है बड़ा फैसला, दूसरे डोज का समय घटाने पर बन सकती है बात
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वैक्सीन के दूसरे डोज का समय 9 महीने से घटाकर 6 महीने करने पर आज फैसला हो सकता है. वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह की आज बैठक है.
वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) 6 से 12 साल के बच्चों में कोवैक्सीन और कोर्बेवैक्स टीकों से जुड़े आंकड़ों की समीक्षा करने के लिए आज बैठक करेगा. ये बैठक दोपहर में संभव है. बैठक के दौरान दूसरी और एहतियाती खुराक के बीच के अंतराल को मौजूदा 9 महीने से घटाकर 6 महीने करने पर भी विचार-विमर्श होगा.12 साल से ऊपर वाले को लग रहे टिके देश में फिलहाल 12 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को कोविड-19 रोधी टीके लगाए जा रहे हैं. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, NTAGI की यह बैठक भारत में कोविड-19 के मामले में हालिया वृद्धि के बीच हो रही है. मौजूदा समय में देश में 18 साल से अधिक उम्र के वे सभी लोग एहतियाती खुराक लेने के लिए पात्र हैं, जिन्हें दूसरी खुराक लिए हुए नौ महीने पूरे हो चुके हैं.
केंद्र सरकार ने पिछले महीने विदेश यात्रा करने वाले नागरिकों और छात्रों को गंतव्य देश के दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्धारित नौ महीने की अवधि से पहले ही एहतियाती खुराक लेने की अनुमति दे दी थी.
स्टडी में सामने आई थी ये जानकारी NTAGI के कोविड कार्य समूह ने एहतियाती खुराक में टीकों के मिश्रण के दौरान परिणामों में भिन्नता पाई थी. एक स्टडी में कहा गया था कि वैज्ञानिक प्रमाणों से पता चला है कि प्राथमिक टीकाकरण में कोवैक्सीन के इस्तेमाल के छह महीने बाद बूस्टर खुराक के रूप में कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड लगाने से लाभार्थियों में एंटीबॉडी का स्तर छह से 10 गुना तक अधिक हो जाता है. इस मामले में अंतिम सिफारिश के लिए NTAGI की एसटीएससी बैठक में चर्चा की जाएगी.
समिति ने मई में हुई अपनी बैठक में प्राथमिक टीकाकरण की अंतिम खुराक और एहतियाती खुराक के बीच के अंतराल को कम करने के स्पष्ट फायदे होने के प्रमाण न मिलने की बात कही थी. यह बताया गया कि छह महीने और नौ महीने में एहतियाती खुराक की तुलनात्मक प्रभाव पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है.
आज की बैठक में एहतियाती खुराक के रूप में प्राथमिक टीकाकरण में इस्तेमाल टीके से अलग वैक्सीन लगाने की व्यवहार्यता से संबंधित बच्चों की आबादी में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और लंबी अवधि में जाइकोव-डी टीके की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.

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