कृषि कानूनों की वापसी से क्या नरम पड़ गए किसान? मांगें अधूरी-पर बदल गया प्लान
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किसान संगठनों ने 29 नवंबर को संसद तक निकाले जाने वाले ट्रैक्टर मार्च को टाल दिया है. हालांकि, किसान नेताओं ने ये भी कहा है कि जब तक उनकी बाकी मांगों को नहीं माना जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
29 नवंबर से संसद का सत्र शुरू हो रहा है और इसी दिन किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालने का प्लान बनाया था. हालांकि, इस ट्रैक्टर रैली को अब टाल दिया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने 19 नवंबर को तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने का ऐलान किया था. इसके बाद भी किसान संगठन पीछे हटने को तैयार नहीं थे. कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद भी किसानों ने लखनऊ में महापंचायत की थी, लेकिन अब ट्रैक्टर रैली को टाल दिया गया है. इस पूरे घटनाक्रम को किसानों के भी नरम रुख के तौर पर देखा जा रहा है.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.