
'किस्मत कनेक्शन' की तलाश या रूट पॉलिटिक्स? राहुल गांधी टमाटर का भाव जानने मंडी क्यों पहुंचे
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टमाटर की बेतहाशा बढ़ती कीमतों के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नया अवतार नजर आया. वे टमाटर के भाव जानने मंडी पहुंच गए. अब सवाल है कि क्या कांग्रेस टमाटर की बढ़ी कीमतों में अपना किस्मत कनेक्शन खोज रही है?
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मुद्दों की बिसात बिछाई जा रही है, रणनीतियों का ताना-बाना बुना जा रहा है. मतदाताओं के दिल में जगह बनाकर उसे किस तरह से वोटों में तब्दील किया जाए? राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता इसे लेकर भी एक्टिव हो गए हैं. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एनडीए सांसदों के साथ अलग-अलग ग्रुप में मीटिंग कर जीत का मंत्र दे रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मैदान में उतर गए हैं.
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राहुल गांधी टमाटर की बेतहाशा बढ़ती कीमतों के बीच इसका भाव जानने देश की सबसे बड़ी सब्जी मंडी आजादपुर मंडी पहुंच गए. राहुल ने सुबह-सुबह चार बजे मंडी पहुंचकर टमाटर के साथ ही अन्य सब्जियों की कीमतों के संबंध में जानकारी ली और व्यापारियों, श्रमिकों की समस्याएं भी सुनीं. राहुल गांधी का अचानक आजादपुर मंडी पहुंचना, टमाटर और सब्जियों के भाव जानना, श्रमिक-व्यापारियों के बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुनना रूट पॉलिटिक्स है या 2024 चुनाव से पहले कांग्रेस के किस्मत कनेक्शन की तलाश?
आम आदमी की इमेज सेट करने की कोशिश
राहुल गांधी की कोशिश अब अपनी इमेज आम आदमी की सेट करने की है. राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने कहा कि राहुल एसी रूम पॉलिटिक्स वाली इमेज से बाहर आने की कोशिश कर रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा के बाद कभी छात्रों के बीच पहुंच जाना हो या रोपनी कर रहे किसानों के बीच खेतों में, ट्रक ड्राइवर्स के साथ यात्रा हो या सड़क किनारे किसी दुकान पर पहुंच जाना. ये सब आम आदमी की इमेज सेट करने की रणनीति का अंग है. ये संदेश देने की कोशिश है कि राहुल गांधी भी आपके जैसा ही है. आम आदमी से जुड़े मुद्दों को लेकर राहुल की सक्रियता के पीछे एक रणनीति ये भी हो सकती है कि बीजेपी जिस तरह से पीएम मोदी की सुपरमैन वाली इमेज बनाने में सफल रही है, उसके मुकाबले राहुल की कॉमन मैन की इमेज बनाई जाए.
भारत जोड़ो यात्रा से मिला मोमेंटम आगे ले जाने की कवायद

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