किसी मुद्दे पर दायर करनी हो PIL, तो उससे पहले पढ़ लें SC की यह जरूरी टिप्पणी
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सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी पद का प्रत्याशी उससे जुड़े मामले में जनहित याचिका दायर करने का हकदार नहीं है.
नई दिल्लीः जनहित याचिका के बारे में आप रोज खबरों में पढ़ते हैं; कोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई में ये कहा, ऐसे कहा, ऐसा फैसला दिया आदि. सार्वजनिक विषयों और जनहित के सवाल पर देश का कोई भी नागरिक सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में जनहित याचिका के तौर पर एक साधारण पत्र लिखकर उस मामले को कोर्ट के संज्ञान में ला सकता है. कोर्ट ऐसे मामलों पर सुनवाई कर फैसले देती है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए गुरुवार को कहा है कि अगर कोई व्यक्ति ,खुद किसी मुकदमें में एक फरीक/पक्ष हो तो वह कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल नहीं कर सकता है. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि किसी पद के लिए प्रत्याशी इससे संबंधित मामले में जनहित याचिका दायर नहीं कर सकता है. इस टिप्पणी के साथ ही शीर्ष अदालत ने राज्य सूचना आयुक्तों की पेंशन से संबंधित मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी. शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता, जिसने राज्य के जनवरी 2013 के कार्यालय ज्ञापन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, वह खुद पद का प्रत्याशी था. ज्ञापन में राज्य के सूचना आयुक्तों को मुख्य सचिव की पेंशन के बराबर पेंशन देने का प्रावधान किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की बेंच ने कहा, ’’ क्योंकि याचिकाकर्ता भी राज्य सूचना आयुक्त ओहदे का उम्मीदवार है और रोजगार की मांग के लिए उसने एक आवेदन किया था, जिसका जिक्र उच्च न्यायालय के फैसले में है... हमें लगता है कि उसकी तरफ से कथित तौर पर जनहित के नाम दायर याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई से इनकार कर सही फैसला किया है.’’ पीठ ने एक अक्टूबर को दिए अपने आदेश में कहा कि यह एकदम सही है कि किसी पद का प्रत्याशी उस संबंध में जनहित याचिका दायर नहीं कर सकता.
Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दे ताकि उसे एक 'विशेष वकील' को दिया जा सके. इस पर उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहती कि वह राज्यसभा सदस्यता छोड़ दें तो वह खुशी-खुशी इसे छोड़ देतीं.
Pune Porsche Crash: पुणे के पोर्श कार हादसे मामले में ट्विस्ट आया है. अब 17 साल के नाबालिग आरोपी ने दावा किया है कि घटना के समय वह कार नहीं चला रहा था बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था. हादसे के समय आरोपी के साथ मौजूद उसके साथियों ने भी इस दावे का समर्थन किया है. वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने दावा किया कि आरोपी को पुलिस स्टेशन में पिज्जा की पेशकश की गई.
West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान से पहले नंदीग्राम में बुधवार की रात हिंसा भड़क उठी. इससे राज्य की सियासत गरमा गई है. यह घटना पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम विधानसभा के ब्लॉक नंबर एक के सोनचूरा गांव के मनसा बाजार की है. बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में घुसकर धारदार हथियारों से हमला किया.
Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना में बदलाव हो सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेना एक आंतरिक सर्वे करा रही है. इस सर्वे में सामने आने वाले निष्कर्षों को देखते हुए आगे योजना में बदलाव को लेकर सरकार से सिफारिश की जा सकती है. हालांकि अभी इस संबंध में सेना या सरकार की ओर से कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.