ओमिक्रॉन के बढ़ते ख़तरे के बीच, घर पर जाँच करने वाले कोरोना किट कितने ज़रूरी?
BBC
कोरोना के बढ़ते ख़तरे के बीच कई लोग अब घर पर किट ला कर ही टेस्ट कर रहे हैं. जानिए क्या है इसके इस्तेमाल का सही तरीका और कब ग़ैर ज़रूरी हो जाती है ऐसी टेस्टिंग.
कोरोना की तीसरी लहर के बीच कोरोना टेस्ट किसे करवाना चाहिए और किसे नहीं - इस बारे में भारत सरकार ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं.
अब अगर आपको कोरोना के लक्षण नहीं है और आप बस टेस्ट इस वजह से कराना चाहते हैं कि आप हाल फिलहाल में ऐसे किसी के सम्पर्क में आए हैं जो कोविड पॉज़िटिव रहा है तो आपको टेस्ट कराने की ज़रूरत नहीं है. लेकिन अगर आपको दूसरी बीमारी है और आपकी उम्र 60 साल से ऊपर है तो आप कोरोना टेस्ट करा सकते हैं.
भारत सरकार की नई गाईडलाइन के मुताबिक़ होम आइसोलेशन के दिन पूरे होने के बाद या फिर अस्पताल से डिस्चार्ज होने के वक़्त या फिर एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा के वक़्त भी कोविड19 टेस्ट कराने की ज़रूरत नहीं है.
दूसरी तरफ़ आंकड़े बता रहे हैं कि रोज़ाना बढ़ते नए मामलों के बीच घर पर टेस्ट किट लाकर कोरोना जाँच करने वालों की तादाद दिनों दिन बढ़ती जा रही है.
ऐसे ही एक टेस्ट किट कंपनी माईलैब्स के मैनेजिंग डायरेक्टर हंसमुख रावल ने बीबीसी को बताया कि दिसंबर के अंत से लेकर जनवरी के पहले हफ़्ते में घर पर कोविड 19 की जाँच करने वाली टेस्ट किट की बिक्री 400-500 प्रतिशत बढ़ी है.