ओबीसी बिल आने के बाद कितना आसान होगा मराठा और जाट समुदाय को आरक्षण देना? समझिए
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ओबीसी संसोधन बिल संसद से पास होते ही राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश अपनी जरूरतों के हिसाब से ओबीसी की लिस्ट तैयार कर सकेंगे. ऐसे में महाराष्ट्र में मराठा, गुजरात में पटेल और हरियाणा में जाट समुदाय के आरक्षण का रास्ता आसान हो गया है, लेकिन इस राह में सबसे बड़ा रोड़ा 50 फीसदी आरक्षण की सीमा है.
मोदी सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में जातियों को शामिल करने की शक्ति राज्यों को देने वाला संविधान संशोधन बिल सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया है, जिसके पक्ष में विपक्षी भी हैं. संसद के दोनों सदनों से आसानी से पास होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश अपनी जरूरतों के हिसाब से ओबीसी की लिस्ट तैयार कर सकेंगे. ऐसे में महाराष्ट्र में मराठा, गुजरात में पटेल और हरियाणा में जाट समुदाय के आरक्षण का रास्ता आसान हो गया है, लेकिन इस राह में सबसे बड़ा रोड़ा 50 फीसदी आरक्षण की सीमा है.बिभव कुमार ने सांसद स्वाति मालीवाल द्वारा दायर मारपीट मामले में जमानत देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है. बिभव ने याचिका में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है. बिभव ने याचिका में अपनी अवैध गिरफ्तारी के लिए मुआवजे की भी मांग की है. देखें वीडियो.
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बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बुधवार को स्वास्थ्य बीमा पर एक मूल परिपत्र (master circular) जारी करते हुए साफ कर दिया है कि बीमा कंपनी को अनुरोध के एक घंटे के भीतर नकदी-रहित इलाज की अनुमति देने पर निर्णय लेना होगा. इरडा ने एक बयान में कहा कि स्वास्थ्य बीमा उत्पादों पर मास्टर परिपत्र ने पहले जारी किए गए 55 परिपत्रों को निरस्त कर दिया है और यह पॉलिसीधारकों के सशक्तीकरण और समावेशी स्वास्थ्य बीमा को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है.