
'ऑपरेशन सिंदूर' पर पाकिस्तान के दोस्त तुर्की और चीन का मीडिया क्या कह रहा?
AajTak
पाकिस्तान पर भारत के एयरस्ट्राइक को लेकर दुनिया भर में चर्चा है. सभी अंतराष्ट्रीय अखबारों और न्यूज आउटलेट में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को लेकर खबरें आ रही हैं. पाकिस्तान के दोस्त माने जाने वाले चीन और तुर्की के अखबारों में भी भारत के एयरस्ट्राइक की काफी कवरेज देखने को मिल रही है.
मंगलवार देर रात डेढ़ बजे भारत ने आतंकी संगठनों लश्कर और जैश के ठिकानों पर 9 एयरस्ट्राइक किया. तीनों सेनाओं के जॉइंट मिशन 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के 4 और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के 5 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. आतंक के खिलाफ भारत की इस कार्रवाई पर पूरी दुनिया की नजर है. दुनिया भर की मीडिया में भारत के एयरस्ट्राइक की भरपूर कवरेज देखने को मिल रही है. पाकिस्तान के दोस्त समझे जाने वाले चीन और तुर्की की मीडिया में भी भारत के एयरस्ट्राइक की ढेर सारी खबरें प्रकाशित हो रही हैं.
चीन का मीडिया क्या कह रहा?
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा कि भारत सरकार ने बुधवार को पाकिस्तान के नौ आतंकी ट्रेनिंग कैंप्स पर एयरस्ट्राइक की पुष्टि की. चीनी मीडिया ने भारतीय मीडिया के न्यूज रिपोर्टों का हवाला देते हुए लिखा, 'भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत तौर पर एयर स्ट्राइक्स को मॉनिटर कर रहे थे. एयरस्ट्राइक ऑपरेशन सिंदूर के तहत किया गया जो उन महिलाओं को समर्पित है जिनके पति 22 अप्रैल को पहलगाम हमले में मारे गए थे.'
सिन्हुआ लिखता है, 'पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसे बिना वजह की गई आक्रामकता की कार्रवाई बताया और हमलों की निंदा करते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और दो देशों के संबंधों के स्थापित मानदंडों का घोर उल्लंघन बताया.'
वहीं, चीनी सरकार का मुखपत्र माने जाने वाले चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसे हेडिंग दी है- पाकिस्तानी ठिकानों पर भारत के मिसाइल हमले में 8 मरे, 35 घायल और 2 लापता.
ग्लोबल टाइम्स ने अपनी खबर में लिखा है, 'पंजाब प्रांत के रावलपिंडी में चश्मदीदों ने बताया कि उन्होंने हवा में मिसाइलें देखी. भारत सरकार ने बुधवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की पुष्टि की. भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत तौर पर एयरस्ट्राइक को मॉनिटर किया.'

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







