
एक होली, 52 जुमा... संभल की 'प्रयोगशाला' से निकला नया नारा, क्या इसी से मिलेगा बिहार चुनाव में सहारा?
AajTak
एक होली और 52 जुमा को लेकर पूरे देश में राजनीति गरमाती जा रही है. संभल से निकले इस बारे में बिहार की राजनीति में भी एंट्री कर ली है. क्या ये नारा संभल की सियासी प्रयोगशाला का नया राजनीतिक उत्प्रेरक है...जिसे अब देश के अगले चुनावी राज्य बिहार में भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया है.
एक होली और 52 जुमा को लेकर पूरे देश में राजनीति गरमाती जा रही है. संभल से निकले इस बारे में बिहार की राजनीति में भी एंट्री कर ली है. हालांकि, बिहार में बीजेपी की सहयोगी जेडीयू के कुछ नेताओं इस नारे से दूरी बना ली है.
कोई भी त्योहार जब हर दल की सियासत से बचता नहीं है तो फिर अबकी होली से पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो 52 जुमा-एक होली की राजनीतिक लकीर संभल से खींची है. क्या वो संभल की सियासी प्रयोगशाला का नया राजनीतिक उत्प्रेरक है. जिसे अब देश के अगले चुनावी राज्य बिहार में भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया है.
यूपी में 80 बनाम 20
इसी तरह 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में में 80 बनाम 20 चला, लेकिन 2024 के चुनाव में यूपी में हिंदू वोट बंटा तो बीजेपी की सीटें घट गईं और तब ये सवाल फिर आ जाता है कि 80 बनाम 20 की राजनीतिक निरंतरता को बनाए रखने के लिए एक होली- 52 जुमा की बात आई है. इसी के जवाब में कहा जाने लगा 85 बनाम 15......यानी 85 फीसदी में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक, बाकी 15 में सिर्फ सवर्ण हिंदू.
80-20 के फॉर्मूले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीधा कहा था कि राम मंदिर, काशी विश्वनाथ का विरोध करने वाले लोग हैं वो 20 फीसदी...सीएम ने तब कहा था कि जो हिंदू विरोधी हैं वो देश विरोधी हैं...80 बनाम 20 यानी बहुसंख्यक वोट साधने वाली इस सियासत का असर अब यूपी से लेकर बिहार तक दिख रहा है. जहां अबकी बार होली से पहले 80 बनाम 20 की सियासत को ही एक होली और 52 जुमा से जोड़कर पेश किया जा रहा है.
क्या पहली बार साथ हो रहे हैं होली और रमजान का जुमा

नई दिल्ली के मंसरावर पार्क स्थित मंदिर में 48 वर्षीय कुसुम शर्मा की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने मुख्य आरोपी अंचल सक्सेना को गिरफ्तार कर वारदात में इस्तेमाल हथियार बरामद किया. प्रारंभिक जांच में पुरानी दुश्मनी की आशंका जताई जा रही है. मामले की जांच और अन्य आरोपी की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज व फॉरेंसिक जांच जारी है.

नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. बिहार के मंत्री और पटना के विधायक नबीन को पार्टी का युवा चेहरा माना जाता है. उन्होंने लंबे समय तक संगठन और चुनाव में अनुभव हासिल किया है. भाजपा ने उनका चयन लंबे समय के निवेश के रूप में किया है. यह जिम्मेदारी भारत के बड़े चुनावों से पहले पार्टी की रणनीति का हिस्सा है.

आखिरकार बीजेपी को लंबी तलाश के बाद नया कार्यकारी अध्यक्ष मिल ही गया है. बिहार के मंत्री नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. नितिन नबीन बिहार में इस वक्त सड़क निर्माण मंत्री हैं. नितिन नबीन पटना के बांकीपुर से बीजेपी विधायक हैं और उन्हें बिहार का युवा चेहरा माना जाता है. वो भारतीय युवा जनता मोर्चा के महासचिव भी रह चुके हैं.

आखिरकार बीजेपी को लंबी तलाश के बाद नया कार्यकारी अध्यक्ष मिल ही गया. बिहार के मंत्री नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. नितिन नबीन बिहार में इस वक्त सड़क निर्माण मंत्री हैं. नितिन नबीन पटना के बांकीपुर से बीजेपी विधायक हैं और उन्हें बिहार का युवा चेहरा माना जाता है. वो भारतीय युवा जनता मोर्चा के महासचिव भी रह चुके हैं.

नितिन नबीन को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. वे बिहार सरकार में मंत्री हैं और संगठन में अपनी मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते हैं. नितिन नबीन ने पिछले कई वर्षों से युवा राजनीति और संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय योगदान दिया है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में उनकी रणनीति और नेतृत्व ने बीजेपी को बड़ी जीत दिलाई थी.








