
एक फोन कॉल और उड़ गए करोड़ों रुपए... साइबर ठगों का खौफनाक खेल, जिसने सिस्टम को हिला दिया
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देश में साइबर अपराधियों का सिंडिकेट अब जांच एजेंसियों से सौ कदम आगे निकल चुका है. ये ठग सिर्फ आपके खाते से पैसे नहीं निकाल रहे, बल्कि 'डिजिटल अरेस्ट' के जरिए आपकी मानसिक शांति और जान भी ले रहे हैं. पंजाब के पूर्व आईजी से 8 करोड़ की लूट हो या कानपुर में 70 दिनों का टॉर्चर, ये रिपोर्ट आपको झकझोर देगी.
एक फोन कॉल आता है. सामने से आवाज बेहद प्रोफेशनल और रौबदार होती है. बातचीत के शुरुआती चंद मिनटों में ही डर, भ्रम और भरोसे का ऐसा जाल बुना जाता है कि सामने वाले को सोचने का मौका तक नहीं मिलता. यही वह तरीका है जिससे चंद घंटों में करोड़ों रुपए लूट लिए गए. आज साइबर ठग सिर्फ लिंक या मैसेज तक सीमित नहीं हैं, वे सीधे हमारे दिमाग पर हमला कर रहे हैं.
जब रक्षक ही नहीं रहा सुरक्षित... ठगी का सबसे सनसनीखेज मामला पंजाब के पटियाला से सामने आया है. जिस अफसर ने 29 साल तक पुलिस की वर्दी पहनी, जो अमृतसर के पुलिस कमिश्नर रहे, पटियाला और फिरोजपुर रेंज के डीआईजी रहे, वो आईपीएस अफसर अमर सिंह चहल खुद साइबर ठगों की जाल में फंस गए. साइबर लुटेरों ने उनसे 8 करोड़ 10 लाख रुपए की बड़ी रकम लूट ली.
इस भारी नुकसान और सदमे को वह झेल नहीं पाए. अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या की कोशिश की. उन्होंने डीजीपी के नाम 12 पेज का एक नोट भी लिखा है, जिसमें इस काली साजिश की एक-एक परत खोलकर रख दी है. पूर्व आईपीएस अमर चहल फिलहाल अस्पताल में जीवन और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. गोली उनके लीवर को चीरते हुए निकल गई थी.
70 दिनों तक 'डिजिटल अरेस्ट'... उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले बुजुर्ग रमेश चंद्र की दास्तां सुनकर रूह कांप जाती है. डायलिसिस पर चल रहे बुजुर्ग को 70 दिनों तक उनके ही घर के 15x10 के कमरे में कैद रखा गया. ठगों ने वीडियो कॉल पर सीबीआई अफसर और फर्जी जज बनकर उनसे बात किया. उन्हें डराया गया कि उनके आधार कार्ड से सिम निकालकर मनी लॉन्ड्रिंग की गई है.
ठगों ने उनके जीवन भर की कमाई (53 लाख रुपए) अपने खातों में ट्रांसफर करवा ली. अब रमेश चंद्र रिश्तेदारों से उधार लेकर इलाज करवा रहे हैं. विडंबना देखिए कि कानपुर पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की थी. 'डिजिटल अरेस्ट' साइबर अपराधियों के लिए एक ऐसा हथियार बन गया है, जिसके जरिए वे बुजुर्गों और महिलाओं को खासकर निशाना बना रहे हैं. उनसे लगातार ठगी कर रहे हैं.

पंजाब के पूर्व आईजी अमर सिंह चहल साइबर ठगी का शिकार हुए और 8 करोड़ 10 लाख रुपए गंवा बैठे. ठगों ने खुद को बैंक अधिकारी और वेल्थ एडवाइजर बताया और निवेश का झांसा दिया. शुरुआत में थोड़े मुनाफे दिखाए गए, लेकिन बाद में बड़ी रकम ट्रांसफर करवाई गई. अमर सिंह ने तीन बैंक खातों से कुल 7 करोड़ रुपए उधार लेकर भेजे. ठगी के बाद, उन्होंने डीजीपी को 12 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और खुद को गोली मारकर आत्महत्या की कोशिश की.

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