
जामिया के प्रोफेसर ने एग्जाम में 'मुस्लिम उत्पीड़न' पर पूछा था सवाल, यूनिवर्सिटी ने किया सस्पेंड
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यह सख्त कार्रवाई सेमेस्टर परीक्षा के एक प्रश्न पत्र में 'मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर अत्याचार' से संबंधित एक विवादास्पद सवाल पूछने के बाद की गई है. सूत्रों के अनुसार यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शाहारे को एक नोटिस भी जारी किया है.
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने समाज कार्य (सोशल वर्क) विभाग के प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शहारे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. यह सख्त कार्रवाई सेमेस्टर परीक्षा के एक प्रश्न पत्र में 'मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर अत्याचार' से संबंधित एक विवादास्पद सवाल पूछने के बाद की गई है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रोफेसर के खिलाफ पुलिस में एफआईआर (FIR) दर्ज कराने का भी निर्णय लिया है.
सूत्रों के अनुसार यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शाहारे को एक नोटिस भी जारी किया है. हालांकि, इस पूरे मामले पर अब तक जामिया प्रशासन की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
इंडिया टुडे डिजिटल ने रजिस्ट्रार के ऑफिस में फोन करने की कोशिश की, लेकिन कॉल का जवाब नहीं मिला. वहीं प्रोफेसर शहारे का फोन बंद था.
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में आयोजित बी.ए. (ऑनर्स) सोशल वर्क के पहले सेमेस्टर की परीक्षा में 'भारत में सामाजिक समस्याएं' (Social Problems in India) विषय के पेपर में एक सवाल पूछा गया था. 15 अंकों के इस प्रश्न में छात्रों से कहा गया था कि वे उपयुक्त उदाहरण देते हुए भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर चर्चा करें. इस प्रश्न पत्र की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया. कई विशेषज्ञों और सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे सांप्रदायिक रूप से ध्रुवीकरण करने वाला और भड़काऊ करार दिया.
नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल

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