आसान नहीं है विदेशी वैक्सीन की एंट्री? फुल है फाइजर-मॉडर्ना की ऑर्डर बुक, क्या बोली सरकार
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भारत में वैक्सीन की किल्लत के बीच कई राज्यों द्वारा ग्लोबल टेंडर्स निकाले जा रहे हैं. एक तबका लगातार मांग उठा रहा है कि फाइज़र, मॉर्डना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियों की वैक्सीन को देश में जल्द से जल्द लाना चाहिए.
भारत में वैक्सीन की किल्लत के बीच कई राज्यों द्वारा ग्लोबल टेंडर्स निकाले जा रहे हैं. एक तबका लगातार मांग उठा रहा है कि फाइज़र, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियों की वैक्सीन को देश में जल्द से जल्द लाना चाहिए. ऐसे में विदेशी वैक्सीन की एंट्री का भारत में क्या स्टेटस है और क्या वैक्सीन मिल पाना इतना आसान है, एक नज़र डाल लीजिए... भारत में अभी तीन वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है, जिसमें से दो देसी और एक विदेशी है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का लंबे वक्त से इस्तेमाल हो रहा है, तो वहीं रूस की स्पुतनिक-वी का मई में ही इस्तेमाल शुरू हुआ, जो अभी चिन्हित जगहों पर है लेकिन प्रोडक्शन बढ़ने के साथ फैल जाएगा. इस बीच वैक्सीन की किल्लत हो रही है, तो कई राज्यों ने विदेशी कंपनियों का रुख किया है. बीते दिनों वैक्सीन की कमी के बीच केंद्र ने भी कहा था कि जिन विदेशी वैक्सीन को दुनिया की एजेंसियों ने मंजूरी दे दी है, उन्हें भारत में भी फास्ट ट्रैक में मंजूरी मिल जाएगी. ऐसे में भारत में मॉडर्ना, फाइज़र और जॉनसन एंड जॉनसन को लेकर चर्चाएं तेज़ हुई थीं.परिवार एक जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने के बाद ऑल्टो कार से तासगांव लौट रहे थे. इसी दौरान उनकी कार चिंचनी इलाके में नहर की सूखी तलहटी में लुढ़क गई. इस दुर्घटना में 60 साल के राजेंद्र जगन्नाथ पाटिल, 55 साल की सुजाता पाटिल, 30 साल की प्रियंका खराडे, 3 साल के ध्रुव, दो साल के राजीवी और एक साल की कार्तिकी की मौत हो गई.
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने के सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि मुझे कभी भी पद या कुर्सी का लालच नहीं रहा. जब मैं इनकम टैक्स में कमिश्नर था, एक दिन नौकरी छोड़कर त्यागपत्र देकर आया और झुग्गियों के अंदर काम करने लगा. 10 साल तक दिल्ली की झुग्गियों में काम किया था. उस टाइम कोई प्लान नहीं था पार्टी बनाएंगे, चुनाव लड़ेंगे.
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