
आतंक के खिलाफ रूस भारत के साथ...तालिबान से दूरी नहीं, संवाद ही सहीः पुतिन
AajTak
पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.
भारत में हुए ताजा आतंकी हमलों और अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘आजतक’ से बेहद स्पष्ट और बेबाक बातचीत की. अंजना ओम कश्यप और गीता मोहन को दिए इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पुतिन ने आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दोहरे मानकों, भारत के साथ रूस की पुरानी साझेदारी और तालिबान को मान्यता देने के फैसले की वजहों पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने साफ कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है और अफगानिस्तान से दूरी बनाने के बजाय संवाद बनाए रखना ही ज्यादा प्रभावी साबित होता है.
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस भारत के साथ
अंजना ओम कश्यप का सवाल था, हमने दो बड़े आतंकी हमले झेले. एक पहलगाम में और दूसरा दिल्ली में. क्या आप आतंकवाद पर विश्व का दोहरा रवैया देखते हैं? रूस भी आतंकवाद पीड़ित है, आपके लिए आतंकी, हमारे लिए सेनानी, इस विचारधारा पर आपका क्या नजरिया है? इसके जवाब में पुतिन ने कहा कि आतंकियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. आजादी के लिए लड़ना है तो कानूनी तरीकों से लड़ें. रूस भी आतंकवाद पीड़ित रहा है, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस भारत के साथ है.
'अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया'
गीता मोहन का सवाल था कि अफगानिस्तान जैसा पड़ोसी देश भारत और रूस दोनों के लिए अहम है. आपने तालिबान सरकार को मान्यता दी. पूरा विश्व कह रहा है कि वहां महिला-पुरुष में भेदभाव होता है. मानवाधिकार की समस्या है, आपका क्या हित है? आपने ये मान्यता किस आधार पर दी? इस सवाल के जवाब में पुतिन ने बड़ी साफगोई से कहा कि हर देश में समस्याएं हैं, अफगानिस्तान में भी हैं. ये बात सही है कि एक देश जो दशकों तक गृहयुद्ध झेलता रहा, कितना भयावह मंजर था और फिर तालिबान ने अफगानिस्तान की स्थिति पर नियंत्रण पाया, ये पहली वजह है. और ये आज की सच्चाई है.
उन्होंने दूसरी वजह बताते हुए कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है. इसलिए हमें पता होना चाहिए कि क्या हो रहा है. हमें एक दूसरे के संपर्क में रहना चाहिए और मिलकर काम भी करना चाहिए. वही हमने किया.

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के गुरुवार को भारत दौरे को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच आजतक ने रूस में ही राष्ट्रपति पुतिन का एक्स्क्लूसिव इंटरव्यू लिया. इस दौरान उनसे अगस्त-सितंबर में चीन के तियानजिन में हुए 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान उस वायरल तस्वीर के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार में जाते हुए नजर आए थे. क्या था वो पूरा वाकया, जानने के लिए देखें वीडियो.

बांग्लादेश की आर्मी से रिटायर होने के बाद ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का मुख्य काम भारत विरोध बन गया है. इस जनरल का मानना है कि भारत बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देता है. पाकिस्तान की 'ब्लीड इंडिया विद थाउजैंड कट्स' जैसी दूषित नीति से प्रभावित ये जनरल कहता है कि बांग्लादेश में तब तक शांति नहीं आ सकती, जबतक भारत के टुकड़े-टुकड़े न हो जाए.

पुतिन ने यूरोप पर अपनी नजर रखी है क्योंकि उन्हें डर है कि यूरोप शांति वार्ता को बिगाड़ सकता है. यूरोप लगातार रूस के खिलाफ युद्ध में उतरने के संकेत दे रहा है, जिस पर पुतिन ने कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर यूरोप युद्ध में शामिल हुआ तो उसे रूस से ऐसी हार का सामना करना पड़ेगा जिससे यूरोप में शांति की बात करने वाला कोई बच नहीं पाएगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा ऐतिहासिक महत्व रखता है. यह दौरा भारत और रूस के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है जो दशकों पुराना है. यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों का रिश्ता अडिग रहा है. पुतिन का यह दौरा द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करेगा जिसमें रक्षा, कृषि, पेट्रोलियम और तकनीकी क्षेत्रों में समझौते शामिल होंगे.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्पेशल विमान IL-96-3000 प्यू अब से कुछ ही घंटों में भारत की सरज़मीं पर लैंड करेगा. यह विमान 'हवा में उड़ता किला' है. पुतिन के भारत दौरे से पहले रूस ने भारत के साथ एक महत्वपूर्ण मिलिट्री सहयोग समझौते को मंजूरी दी है. इस कदम से क्षेत्रीय सुरक्षा में मजबूती आएगी और यह सहयोग दुश्मनों के लिए बड़ा झटका साबित होगा.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं. उनका यह तीस घंटे का दौरा बेहद खास है क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार वे भारत आ रहे हैं. इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी के साथ आयात व्यापार और दोनों देशों के आर्थिक सहयोग पर चर्चा होगी. पुतिन ने भारत और चीन को अपना सबसे बड़ा साझेदार बताया है जबकि यूरोप को चेतावनी दी है. भारत ने पश्चिमी दबावों को झेलते हुए पुतिन को बुलाया है, जो भारत की स्वायत्त नीति का संकेत है.






