आईआईटी, खड़गपुर के कैलेंडर पर क्यों बढ़ रहा है विवाद?
BBC
आईआईटी, खड़गपुर ने नए साल के लिए एक कैलेंडर बनाया है जिसमें आर्यों के बारे में कुछ दावों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. क्या हैं ये दावे और क्या है आपत्ति?
पश्चिम बंगाल में खड़गपुर स्थित देश का सबसे पुराना भारतीय तकनीकी संस्थान (आईआईटी) साल के आखिरी महीने में लगातार सुर्खियां बटोर रहा है.
पहले पखवाड़े के दौरान जहां उसने अपने 70 साल के इतिहास में सबसे बंपर प्लेसमेंट का रिकॉर्ड बनाने के लिए सुर्खियाँ बटोरीं, वहीं उसके बाद संस्थान की ओर से तैयार एक कैलेंडर पर विवाद शुरू हो गया है.
वैसे, इससे पहले कोलकाता के हावड़ा स्थित केंद्रीय संस्थान इंस्टीट्यूट आफ इंजीनयरिंग साइंस एंड टेक्नोलाजी के वर्चुअल वर्कशॉप में गीतापाठ को लेकर भी विवाद पैदा हुआ था. लेकिन अब कैलेंडर विवाद ने आईआईटी के रिकॉर्ड प्लेसमेंट की संस्थान की उपलब्धि को पीछे छोड़ दिया है.
हालाँकि संस्थान और इस कैलेंडर को तैयार करने वाले 'सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम' का दावा है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है और यह आर्यों के हमले को लेकर गढ़े गए मिथक को तोड़ने का प्रयास है.
लेकिन कई शिक्षाविदों का आरोप है कि यह तकनीकी संस्थान हिंदुत्व के प्रचार-प्रसार की कोशिश में इतिहास को विकृत करने का प्रयास कर रहा है.