अब्दुल हमीद ने जब पाकिस्तानी टैंकों की बनाई क़ब्रगाह
BBC
आज से 56 साल पहले असल उत्तर की लड़ाई में अब्दुल हमीद वीरगति को प्राप्त हुए थे और उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र दिया गया था.
8 सितंबर, 1965 की सुबह असल उत्तर और चीमा के बीच कपास और गन्ने के खेत में लेटे हुए 4 ग्रेनेडियर्स के जवानों को आगे आते हुए पाकिस्तानी पैटन टैंकों की गड़गड़ाहट सुनाई दी. सड़क से 30 मीटर दूर क्वार्टर मास्टर अब्दुल हमीद, कपास के पौधों के बीच एक जीप में अपनी रिकायलेस गन के साथ छिपे बैठे थे. जैसे ही पहला टैंक उनकी शूटिंग रेंज में आया, उन्होंने अपनी आरसीएल गन से फ़ायर किया जिससे टैंक में आग लग गई. उस समय सिर्फ़ 20 गज़ की दूरी से ये नज़ारा देख रहे कर्नल हरि राम जानू याद करते हैं, ''हमें यह देखकर बहुत आश्चर्य हुआ जब पीछे आ रहे टैंकों के ड्राइवर उन्हें बीच सड़क में ही छोड़कर भाग गए.''More Related News